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भारत में एंट्री से पहले जानिए क्यों PMO के संपर्क में है Tesla

Tesla ने पहली बार जुलाई में टैक्स में कटौती के लिए अनुरोध किया था. टेस्ला के इस अनुरोध का कई घरेलू कंपनियां विरोध कर रही हैं उनका कहना है कि इस तरह के कदम से घरेलू विनिर्माण में निवेश बाधित होगा.

Updated on: 21 Oct 2021, 10:01 AM

highlights

  • टेस्ला इस साल भारत में आयातित कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है
  • भारत का कर ढांचा उनके बिजनेस के लिए देश में व्यावहारिक नहीं: टेस्ला 

नई दिल्ली:

टेस्ला इंक (Tesla Inc) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister's Office) से भारतीय बाजार में प्रवेश करने से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) पर आयात करों (Import Taxes) को कम करने का आग्रह किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ भारतीय वाहन निर्माता कंपनियों ने इसका विरोध किया है. बता दें कि टेस्ला इस साल भारत में आयातित कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है, लेकिन उनका कहना है कि भारत में लगाए जा रहे टैक्स दुनियाभर में सबसे ज्यादा है. बता दें कि कंपनी ने पहली बार जुलाई में टैक्स में कटौती के लिए अनुरोध किया था. टेस्ला के इस अनुरोध का कई घरेलू कंपनियां विरोध कर रही हैं उनका कहना है कि इस तरह के कदम से घरेलू विनिर्माण में निवेश बाधित होगा.

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बता दें कि अगस्त में भी मोदी सरकार से टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने ई-वाहनों के इंपोर्ट पर टैक्स घटाने का आग्रह किया था. उस समय केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (E-Vehicles) के आयात पर टैक्स घटाने (Tax Cut) से साफ इनकार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला ने इस मामले पर पीएम मोदी के साथ एलन मस्क की मुलाकात के लिए समय मांगा है. भारत में टेस्ला के पालिसी प्रमुख मनुज खुराना ने पिछले महीने प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी. बैठक में कंपनी के अधिकारियों ने कहा था कि देश में टैक्स की दर दुनियाभर में सबसे ज्यादा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक के दौरान टेस्ला ने कहा कि भारत का कर ढांचा उनके बिजनेस के लिए देश में व्यावहारिक नहीं है. बता दें कि भारत 40,000 डॉलर या उससे कम लागत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 60 फीसदी का आयात शुल्क और 40,000 डॉलर से अधिक की कीमत वाले वाहनों पर 100 फीसदी शुल्क लगाता है. विश्लेषकों ने कहा है कि इन दरों पर टेस्ला कारें खरीदारों के लिए बहुत महंगी हो जाएंगी और जिसकी वजह से उनकी बिक्री सीमित हो सकती है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी के कार्यालय ने विशेष रूप से टेस्ला को जवाब में क्या बताया, लेकिन सूत्रों ने बताया है कि सरकारी अधिकारी अमेरिकी वाहन निर्माता की मांगों को लेकर एकमत नहीं हैं. कुछ अधिकारी चाहते हैं कि किसी भी टैक्स छूट पर विचार करने से पहले कंपनी स्थानीय विनिर्माण के लिए वादा करना होगा.