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हाइड्रोजन कार की दिल्ली में दस्तक, गडकरी ने लॉन्च को लेकर कही यह बात

इंडिया इकोनॉमिक समिट (India Economic Summit) के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस कार को लेकर खुद खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि देश में हाइड्रोजन से चलने वाली कार आ चुकी है.

Updated on: 27 Nov 2021, 02:40 PM

highlights

  • हाइड्रोजन से चलने वाली कार को लेकर चारों ओर हो रही चर्चा
  • गडकरी ने कहा- 8 दिसंबर से पहले इस कार में खुद होंगे सवार
  • मेट्रो का दिया उदाहरण, कहा- ऐसा नहीं हुआ कि मेंटनेंस के लिए मेट्रो बंद हुई


 

नई दिल्ली:

Hydrogen Car : पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से राहत पाने के लिए फिलहाल लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में भी काफी तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन इस बीच राजधानी दिल्ली में पहुंची हाइड्रोजन से चलने वाली कार को लेकर काफी चर्चा हो रही है. खबर है कि बहुत जल्द ही देश में हाइड्रोजन से चलने वाली कार (Hydrogen Car) लॉन्च कर दी जाएगी. हाइड्रोजन से चलने वाली इस कार को लेकर खुद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे लेकर खुद जानकारी दी है और उन्होंने खुद बताया है कि यह कार कबतक लॉन्च होगी.

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गडकरी ने खुद किया खुलासा

इंडिया इकोनॉमिक समिट (India Economic Summit) के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस कार को लेकर खुद खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि देश में हाइड्रोजन से चलने वाली कार आ चुकी है. उन्होंने कहा, 'इस समय ग्रीन हाइड्रोजन की बात करनी है और देश में हाईड्रोजन से चलने वाली कार आ चुकी है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि 8 दिसंबर से पहले एक पायलट प्रोजेक्ट में हाइड्रोजन की इस कार (Hydrogen Car) में मैं खुद सवार होने वाला हूं.'

इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर की चर्चा

इस दौरान नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी कई बातें कहीं. उन्होंने कहा, 'आप जितना सोच रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा तेजी से परिस्थितियां बदल रही हैं. इसका कारण ये है कि पेट्रोल की कार से प्रति किमी 10 रुपये खर्च होता है, डीजल के लिए 7 रुपये, इलेक्ट्रिक के लिए एक रुपये खर्च आया है. 

गडकरी ने कहा-इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रख-रखाव पर खर्च काफी कम

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मेंटेनेंस खर्च भी काफी कम है. इस दौरान उन्होंने मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी ऐसा नहीं हुआ कि मेंटनेंस के लिए मेट्रो बंद पड़ गई. ऐसा कभी हुआ है क्या? सिर्फ एक दो बार मेट्रो की चेंकिंग और सर्विसिंग करनी जरूर पड़ती है. इसके साथ ही डीजल वाहनों से प्रदूषण भी फैसला है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण नहीं होता.