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Budget 2022 : खरीदने जा रहे हैं Electric Vehicle ? तो आपका इस स्कीम पर नज़र डालना है ज़रूरी

इस बार के बजट में सरकार ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी ( Battery-Swapping Policy) का ऐलान किया है. इसके तहत अब लोगों का बैटरी चार्ज करने की समस्या भी खत्म हो जाएगी.

Updated on: 01 Feb 2022, 08:13 PM

New Delhi:

बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों( Electric Vehicles) को सौगात के रूप में कई सारे तोहफे और राहत दिए गए. वहीं देश दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का बोलबाला भी बढ़ गया है. ग्राहकों की मांग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बढ़ती ही जा रही है. भरतीय बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ोतरी काफी तेजी से देखी गई है. अगर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए ये भी अब एक अच्छी खबर है. इस बार के बजट में सरकार ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी ( Battery-Swapping Policy) का ऐलान किया है. इसके तहत अब लोगों का बैटरी चार्ज करने की समस्या भी खत्म हो जाएगी. इस पॉलिसी के बारें में जिन्हे नहीं पता है तो चलिए जानते है कुछ इस स्कीम के  बारें में. 

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दरअसल इस पॉलिसी के जरिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी चेंज करने की खुली छूट दी जाएगी. आप चाहें तो चार्ज की हुई बैटरी अपनी गाड़ी में बदल सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण( Nirmala Sitaraman) ने बजट( Budget 2022) के दौरान कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को और बढ़ावा देना चाहती है. भारी भरकम कीमत के चलते लोग अभी भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां नहीं खरीद पा रहे हैं. इसके अलावा शहरों में कम चार्जिग प्वाइंट होने के चलते लोगों को परेशानियां उठानी पड़ती हैं. लेकिन अब कहा जा रहा है कि बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से चीज़ें आसान होंगी. 

क्या है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी?

जानकारों के मुताबिक अगर आपके इलेक्ट्रिक गाड़ी की बैटरी डिस्चार्ज हो गई है तो आप इसे चार्ज की हुई बैटरी से रिप्लेस कर सकते हैं. ऐसे में बैटरी गाड़ी का एक अलग पार्ट हो जाएगा. इससे गाड़ी की कीमत में भी कमी आएगी. साथ ही आपको किसी चार्जिंग स्टेशन पर नहीं जाना होगा. 

क्या है फायदा ?

इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वाले अब बिना बैटरी के गाड़ी खरीद सकते हैं. ऐसे में उनके पास किसी दूसरी कंपनी से बैटरी लीज़ पर लेने की छूट होगी. आप बैटरी को सिर्फ 5 से 10 मिनट में बदल सकते हैं. भारत में ही नहीं बल्कि  स्वीडन, नीदरलैंड और नॉर्वे में इस पॉलिसी के तहत लोग बैटरी चेंज करवा सकते हैं. इस प्रोसेस को एज ए सर्विस मॉडल भी कहते हैं. 

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