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इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन को लेकर आया नया अपडेट, भारी उद्योग मंत्री ने कही ये बात

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय का कहना है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में चार्जिंग स्टेशन की ढांचागत सुविधाओं को स्थापित करने के लिए तेजी से काम कर रही है.

Updated on: 26 Aug 2021, 12:07 PM

highlights

  • मोदी सरकार 10 हजार करोड़ रुपये के लागत वाली फेम-2 योजना लेकर आई
  • देश की सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP में वाहन उद्योग का 6.4 फीसदी योगदान 

नई दिल्ली :

इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) को लेकर नया अपडेट आया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय का कहना है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में चार्जिंग स्टेशन की ढांचागत सुविधाओं को स्थापित करने के लिए तेजी से काम कर रही है. वाहन उद्योग के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबााइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चार्जिंग ढांचागत सुविधाओं को स्थापित करने के लिए विभिन्न मंत्रालय और सरकारी विभाग एक साथ काम को अंजाम दे रहे हैं. 

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पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने जोर दे रही है सरकार
उनका कहना है कि सरकार पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने जोर दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार फेम-1 योजना को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखने के बाद 10 हजार करोड़ रुपये के लागत वाली फेम-2 योजना लेकर आई है. उनका कहना है कि सरकार चार्जिंग स्टेशन के ढांचागत सुविधाओं को स्थापित करने को लेकर काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना पर इस तरह से काम कर रही है कि इलेक्ट्रिक वाहन एक जनआंदोलन के रूप में बन जाए और इस लक्ष्य को लेकर आगे भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन को लेकर भी वाहन उद्योग की भूमिका की प्रशंसा की है. 

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बता दें कि देश की सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP में वाहन उद्योग का 6.4 फीसदी योगदान है और कुल GST कलेक्शन में इस सेक्टर का 50 फीसदी योगदान है. महेन्द्र नाथ पांडेय का कहना है कि पूरी दुनिया में भारत चौथा सबसे बड़ा वाहन बाजार है. उनका कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वाहन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1.5 लाख करोड़ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लेकर आई है.