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Okaya लाने जा रही है इलेक्ट्रिक टू व्हीलर, जानिए क्या होगी खासियत

ओकाया ग्रुप (Okaya Group) के इलेक्ट्रिक 2व्हीलर्स (Electric Two Wheeler) चार वैरिएंट में दोनों वीआरएलए लीड एसिड बैटरी और लिथियम आयरन फॉस्फेट (एलएफपी) बैटरी में उपलब्ध हैं.

Updated on: 07 Jul 2021, 09:55 AM

highlights

  • इलेक्ट्रिक 2व्हीलर्स वीआरएलए लीड एसिड बैटरी और 'लिथियम आयरन फॉस्फेट' (एलएफपी) बैटरी में उपलब्ध 
  • 2023 से 2025 तक नीमराना में 34 एकड़ में फैले तीन और विनिर्माण संयंत्रों को लॉन्च करने की भी घोषणा की

नई दिल्ली:

इन्वर्टर और बैटरी निर्माता ओकाया ग्रुप (Okaya Group) ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (Electric Two Wheeler) सेगमेंट में कदम रखा है. ओकाया पावर ग्रुप के इलेक्ट्रिक वाहन डिवीजन, ओकाया ईवी ने 'इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स' की एक श्रृंखला का अनावरण किया है. इसके अलावा, इसने दिल्ली और जयपुर में एक्सपीरियंस सेंटर्स शुरू किए हैं. कंपनी के 'इलेक्ट्रिक 2व्हीलर्स' चार वेरिएंट में दोनों 'वीआरएलए लीड एसिड बैटरी' और 'लिथियम आयरन फॉस्फेट' (एलएफपी) बैटरी में उपलब्ध हैं. ओकाया पावर ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल गुप्ता ने कहा, "भारत और विदेशों में 'इलेक्ट्रिक वाहनों' के लिए विशेष रूप से दो अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास केंद्रों के साथ, ओकेया ईवी 'इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स' और भविष्य की बाइक लाने के लिए विशिष्ट रूप से स्थित है.

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"इसके अलावा, इन 'इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स' की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, हमारा लक्ष्य पूरे देश में शोरूम के साथ-साथ वितरण और सेवा केंद्र खोलना है. कंपनी ने इन अत्याधुनिक 'इलेक्ट्रिक टू व्हीलर' की निर्बाध आपूर्ति के लिए हरियाणा में एक और संयंत्र शुरू करने की अपनी योजना के साथ हिमाचल प्रदेश के बद्दी में पहले ही एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित कर लिया है. इसके अलावा, इसने 2023 से 2025 तक नीमराना में 34 एकड़ में फैले तीन और विनिर्माण संयंत्रों को लॉन्च करने की भी घोषणा की है.

भारत में पहली बार घातक मोटर दुर्घटना का दावा 10 दिनों में निपटाया गया

भारत में एक मोटर थर्ड पार्टी मौत दुर्घटना मुआवजे का दावा 10 दिनों में निपटाया गया! यह मजाक नहीं है। लेकिन वास्तव में इस साल मई में देश की राजधानी में ऐसा हुआ. 1 मई, 2021 को शुरू हुई फास्ट ट्रैक डार योजना नामक पायलट परियोजना को धन्यवाद. दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के तत्वावधान में जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित एक वेबिनार में प्रतिभागियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल के परिवार को सड़क दुर्घटना में मारे जाने के बाद 10 दिनों में मुआवजे के रूप में 32 लाख रुपये की राशि मिली.

पुणे स्थित बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने इस मामले में दावे का निपटारा किया था. आम तौर पर सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के परिवार को बीमा कंपनियों से मुआवजा मिलने में कम से कम पांच साल का समय लग जाता है. उस समय तक, राशि बहुत कम हो चुकी होगी और पीड़ित परिवार पर भारी संकट आ जाएगा. बजाज आलियांज जनरल के प्रबंध निदेशक और सीईओ तपन सिंघेल ने कार्यक्रम में कहा कि गैर-जीवन बीमा उद्योग सड़क दुर्घटना पीड़ितों / परिवारों को मुआवजे के रूप में प्रति वर्ष लगभग 24,000 करोड़ रुपये का भुगतान करता है. -इनपुट आईएएनएस