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Basant Panchami 2022 : बसंत पंचमी के दिन आखिर क्यों करना चाहिए मां सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र अर्पित ?

मां सरस्वती को ज्ञान की देवी भी कहा जाता है. इस दिन उन्हें उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित की जाती हैं. इस दिन लोग खुद भी पीला रंग पहनना पसंद करते हैं.

Updated on: 26 Jan 2022, 08:22 AM

New Delhi:

माघ मास (Magh Month 2022) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती (Maa Saraswati 2022) को समर्पित बसंत पंचमी (Basant Panchami 2022) का पर्व हर साल मनाया जाता है. इस दिन लोग मां सरस्वती या शारदे की पूजा (Maa Saraswati 2022) अर्चना करते हैं. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करके उनको पीले वस्त्र चढ़ा कर खुश किया जाता है. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी भी कहा जाता है. इस दिन उन्हें  उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित की जाती हैं. इस दिन लोग खुद भी पीला रंग पहनना पसंद करते हैं. 

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इस साल बसंत पंचमी 5 फरवरी के दिन मनाया जाएगा. ये दिन विद्यार्थियों और संगीत प्रेमियों के लिए बेहद खास होता है. हर कोई उस दिन पीले रंग के खूबसूरत वस्त्र पहनता है. आइये जानते हैं की इस दिन पीले रंग का क्या है महत्त्व. क्यों पहनते हैं पीले रंग के वस्त्र. 

ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है. ये रंग सादगी और सात्विकता का रंग है. मां सरस्वती को पीला रंग बहुत पसंद और प्यारा है. इस मौसम में ठंड कम होने लगती हैं. पेड़ों पर नई पत्तियां होती हैं और खेतों में पीली सरसों की फसल लहराने लगती है. चरों तरफ पीला और शांत सुहावना मौसम दिखाई देने लगता है. और इसी माह में मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए मां सरस्वती को प्रकृति से हर पीली चीज़ अर्पित की जाती है. माना जाता है कि पीला रंग समृद्धि, एनर्जी, प्रकाश और आशीर्वाद का प्रतीक है. पीला रंग ब्रेन को एक्टिव करता है और नकारात्मकता को दूर करता है. इस दिन सारे शुभ काम किये जाते हैं. 

बसंत पंचमी के दिन यूं करें पूजा

बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. मां सरस्वती की पूजा अर्चना करें. इसके बाद एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति रखें. उन्हें फूल मिठाई और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें.  हल्दी, केसर, गंगा जल, धुप बत्ती , दिए के सतह इनकी पूजा करें. विद्यार्थी इस दिन पूजा के समय अपनी किताबों को मां के सामने रखें और उनकी पूजा करें. अगर आप संगीत के क्षेत्र से जुड़े हैं तो वाद्य यंत्र माता की पूजा के समक्ष सामने रखें. इन सब के बाद मां सरस्वती जी की आरती करें. और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. 

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