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एकनाथ शिंदे चुने गए शिवसेना के विधायक दल के नेता, आदित्य ठाकरे के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद एकनाथ शिंदे आदित्य ठाकरे और सुभाष देसाई के साथ गुरुवार को गर्वनर से मुलाकात करेंगे

Updated on: 31 Oct 2019, 06:20 PM

नई दिल्‍ली:

एकनाथ शिंदे शिवसेना के विधायक दल के नेता चुने गए हैं. बताया जा रहा है कि उनको विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव खुद आदित्य ठाकरे ने रखा था जिसे सर्वसम्मति से मंजूर किया गया. शिवसेना विधायक दल की बैठक गुरुवार को हुई थी जिसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद एकनाथ शिंदे आदित्य ठाकरे और सुभाष देसाई के साथ गुरुवार को गर्वनर से मुलाकात करेंगे. 

तीनों नेता गुरुवार दोपहर 3.30 बजे गर्वनर से मिलेंगे. बताया जा रहा है कि सेना भवन की मुलाक़ात खत्म करके ये सीधे राजभवन रवाना होंगे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेंगे. बता दें, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी शिवसेना के बीच घमासान अपने चरम पर है. एक तरफ जहां शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है तो वहीं देवेंद्र फडणवीस साफ-साफ कह चुके हैं कि महाराष्ट्र में 50-50 फॉर्मूले पर कोई सरकार नहीं होगी. अगले 5 सालों तक केवल वही महाराष्ट्र के सीएम होंगे. 

इससे पहले बुधवार को बीजेपी की विधायक दल की बैठक हुई थी जिसमें देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना गया. विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, वह पीएम मोदी और अमित शाह का शुक्रिया अदा करते हैं. हमने सन् 2014 और 2019 में फ्रंटफुट पर चुनाव लड़ा और जीता भी है. उन्होंने कहा कि जो भी अफवाहें हैं उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए. बीजपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगे. शिवसेना की कुछ डिमांड हैं, उन्हें सुलझा लिया जाएगा. वहीं शिवसेना की विधायक दल की बैठक से पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था, हम अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटेंगे. अगर कोई अपने वादे से मुकरा है तो वो है बीजेपी. हम अपनी मांग के साथ ही आगे बढ़ेंगे.

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इससे पहले संजय राउत ने अपने नए बयान में कहा कि 'महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे. कुंडली में कौन सा ग्रह कहां रखना है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिव सेना के पास है.' उन्होंने ये भी कहा कि व्यक्तिगत फायदा मायने नहीं रखता है, राज्य जरूरी है. जिससे यह माना जा रहा है कि बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) को सत्ता में सहयोग का फॉर्मूला मिल चुका है. उन्होंने आगे कहा कि जिस पार्टी किसी के पास 145 का बहुमत है, चाहे वह कोई भी राजनेता या विधायक हो, महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बन सकता है. राज्यपाल 145 या सबसे बड़ी पार्टी का आंकड़ा रखने वाले को आमंत्रित करेंगे, लेकिन उन्हें सदन के पटल पर बहुमत साबित करना होगा. साथ ही संजय राउत ने कहा कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन चल रहा है.

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बता दें, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को सिर्फ एनसीपी से ही उम्मीद थी, क्योंकि महाराष्ट्र में NCP ही तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके सपोर्ट से शिवसेना सरकार बनाने के करीब पहुंच सकती थी. इस बीच एनसीपी विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने बड़ा बयान दिया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि इस समय सभी का ध्यान सरकार को लेकर में है. अजीत पवार ने जोर देकर कहा कि 'हम विपक्ष में बैठेंगे'.