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Vladimir Putin ने की Xi Jinping से बात, कही सैन्य सहयोग बढ़ाने की बात

Vladimir Putin tells Xi Jinping he wants to ramp up military cooperation: यूक्रेन की लंबी लड़ाई में खुद को फंसा बैठे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने चीनी समकक्ष से फोन पर बातचीत की है. व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर शी जिनपिंग को रूस आने का न्यौता दिया है. साथ ही कहा है कि दोनों देशों को सैन्य सहयोग बढ़ाने की जरूरत है.

News Nation Bureau
| Edited By :
30 Dec 2022, 08:49:20 PM (IST)

highlights

  • पुतिन ने की जिनपिंग से बात
  • फोन पर दोनों नेताओं की हुई लंबी बात
  • जिनपिंग को रूस आने का दिया न्यौता

नई दिल्ली:

Vladimir Putin tells Xi Jinping he wants to ramp up military cooperation: यूक्रेन की लंबी लड़ाई में खुद को फंसा बैठे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian leader Vladimir Putin) ने अपने चीनी समकक्ष से फोन पर बातचीत की है. व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) को रूस आने का न्यौता दिया है. साथ ही कहा है कि दोनों देशों को सैन्य सहयोग बढ़ाने (Ramp UP Military Cooperation) की जरूरत है. पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा करना न सिर्फ पुतिन की मजबूरी है, बल्कि उनका ये कहना इस बात को साबित करता है कि वो यूक्रेन में युद्ध करके खुद को फंसा बैठे हैं. अब रूसी संसाधन यूक्रेन में कम पड़ रहे हैं. उन्हें भी अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग की जरूरत है. ईरान, उत्तर कोरिया के बाद वो चीनी सामानों का युद्ध में इस्तेमाल करना चाहते हैं.

पश्चिमी देशों से निपटने के लिए दी बधाई

पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो व्लादिमीर पुतिन ने चीन से सैन्य सहयोग बढ़ाने की बात कही है. उन्होंने चीन की ये कहते हुए तारीफ की है कि शी जिनपिंग ने पश्चिमी प्रभाव से निपटने के लिए कड़ी रणनीति अपनाई है, जो कि काबिलेतारीफ है. उन्होंने कड़ा रुख अपनाया, इसीलिए चीन में पश्चिम समर्थकों की कमर टूट चुकी है. पुतिन ने कहा कि चीन ने पश्चिमी ताकतों को सही 'औकात' दिखाई है. उसने अपने देश को पश्चिम के प्रभाव से मुक्त रखा है और विदेशी नीतियों को रूस के प्रति नरम रखा है. भले ही कितना दबाव चीन पर पड़ा हो, लेकिन उसने दृढ़ता दिखाई है. ये रूस-चीन की सच्ची दोस्ती का प्रतीक है.

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यूक्रेन से कैसे निपटेगा रूस?

इस समय रूस पर चौतरफा दबाव बढ़ रहा है. यूक्रेन को पश्चिमी देश खुलकर समर्थन दे रहे हैं. अमेरिका नकदी के साथ ही पैट्रिएट मिसाइल सिस्टम तक दे चुका है, तो बाकी के पश्चिमी देश पूरी ताकत से हथियारों की सप्लाई यूक्रेन को कर रहे हैं. इनके दम पर यूक्रेन रूसी कब्जों को खाली करा रहा है और पिछले कुछ दिनों से तो रूसी सप्लाई लाइन पर भी हमले कर रहा है. रूस को कई शहरों से पीछे हटना पड़ा है. यहां तक कि उसे अब ईरानी ड्रोन्स भी नहीं मिल रहे हैं. वहीं, उत्तर कोरिया ने भी कहा है कि उसका रूस के साथ कोई रक्षा सहयोग नहीं चल रहा है.