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ट्रंप ने पलटा ओबामा का 'नेट निरपेक्षता' का नियम, एफसीसी ने पारित किया प्रस्ताव

'नेट निरपेक्षता' के नियमों को पलट कर एक बार फिर वेरीजॉन, कॉमकॉस्ट और एटी एंड टी जैसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को फ्री हैंड दे दिया।

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Dec 2017, 05:57:12 AM (IST)

वाशिंगटन:

अमेरिकी संघीय संचार आयोग (यूएस फेडरल कम्यूनिकेशंस कमीशन) ने गुरुवार को 2015 में अपनाए गए 'नेट निरपेक्षता' के नियमों को पलट कर एक बार फिर वेरीजॉन, कॉमकॉस्ट और एटी एंड टी जैसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को फ्री हैंड दे दिया।

फेडरल कम्युनिकेशंस ने इस बार फैसला पलट दिया और 3-2 के पक्ष में मतदान किया। बता दें कि एफसीसी के पांच आयुक्तों में तीन रिपब्लिकन पार्टी के हैं और इस तरह उनका बहुमत था।

एफसीसी ने नेट निरपेक्षता के नियमों की वापसी के प्रस्ताव पर मतदान करवाने की घोषणा की थी। जिसमें रिपब्लिकन पार्टी ने ज्यादा वोट पाकर 'नेट निरपेक्षता' के नियम को पलट दिया।

एफसीसी के चेयरमैन अजित पई ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि इंटरनेट पर सख्ती से आरोपित तथाकथित नेट निरपेक्षता के नियमों और उपयोगिता शैली के नियमन से ब्रॉडबैंड नेटवर्क के निर्माण व विस्तार के क्षेत्र में निवेश घट गया है।

इस फैसले के विरोध में एक बार फिर अमेरिका में आवाज उठने लगी है। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद करीब 60 के करीब लोगों ने वाशिंगटन में विरोध प्रदर्शन किया।

इस फैसले का विरोध करते हुए डेमोक्रैटिक लीडर नैन्सी पोल्सी ने कहा, 'इस अतार्किक और बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए कानून के साथ अजित पाई ने साबित कर दिया कि वह ट्रंप प्रशासन के उपभोक्ता विरोधी परंपरा को ही आगे ले जाना चाहते हैं। यह फैसला दुखद और अमेरिका की जनता के हितों के विरोध में है।'

हालांकि ब्रॉडबैंड इंडस्ट्री ने वादा किया है कि इंटरनेट एक्सपीरियेंस में कोई बदलाव नहीं होगा। इस नेट निरपेक्षता के नियमों को बदलने के लिए कंपनियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी।

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गौरतलब है कि 2015 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अमल में लाए गए नियमों के अनुसार इंटरनेट सेवा प्रदाता कानून संबंधी सामग्री, अनुप्रयोग, सेवाएं या गैर-हानिप्रद युक्तियों में प्रवेश पर न तो रोक लगा सकता है और न ही इसमें कमी कर सकता है।

पिछले दो साल के दौरान एटी एंड टी और अन्य ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं ने अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय से नेट निरपेक्षता नियमों को समाप्त करने की मांग की है।

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