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Toll को लेकर NHAI की नई गाइडलाइन, अगर ये हुआ तो मुफ्त में कर सकेंगे सफर

NHAI की नई गाइडलाइन (Guidelines) के मुताबिक टोल प्लाजा (Toll Plaza) को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन चालकों को अब 10 सेकेंड से ज्यादा का इंतजार नहीं करना पड़े फिर वह चाहे व्यस्ततम समय हो.

News Nation Bureau
| Edited By :
29 May 2021, 12:51:23 PM (IST)

highlights

  • टोल प्लाजा पर जाम नहीं लगने देने और वाहनों की आवाजाही सामान्य करने के मकसद से ये निर्देश जारी 
  • NHAI के मुताबिक मौजूदा समय में फास्टैग के जरिए टोल प्लाजा पर 96 फीसदी भुगतान हो रहा है

नई दिल्ली:

अगर आप हाईवे पर गाड़ी चला रहे हैं तो आपको भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण  (National Highways Authority of India-NHAI) के नए नियम के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. दरअसल, NHAI ने टोल प्लाजा के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. NHAI की नई गाइडलाइन (Guidelines) के मुताबिक टोल प्लाजा (Toll Plaza) को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन चालकों को अब 10 सेकेंड से ज्यादा का इंतजार नहीं करना पड़े फिर वह चाहे व्यस्ततम समय ही क्यों ना हो. एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर जाम नहीं लगने देने और वाहनों की आवाजाही को सामान्य करने के मकसद से ये निर्देश जारी किए हैं.

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100 मीटर की दूरी की जानकारी के लिए बनाई जाएगी पीले रंग की लकीर 
NHAI का कहना है कि फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य किए जाने के बाद से अधिकतर टोल प्लाजा के ऊपर वेटिंग टाइम नहीं के बराबर है. नई गाइडलाइन में यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से अधिक होती है तो सभी गाड़ियों को बगैर टोल का भुगतान किए जाने की अनुमति होगी. हालांकि यह टोल पर फ्री में जाने का मौका तभी मिलेगा जब टोल प्लाजा से वाहन की कतार वापस 100 मीटर के भीतर नहीं आ जाती है. एनएचएआई का कहना है कि सभी टोल प्लाजा पर 100 मीटर की दूरी की जानकारी के लिए पीले रंग की लकीर बनाई जाएगी.

NHAI के मुताबिक मौजूदा समय में फास्टैग (FASTag) के जरिए टोल प्लाजा पर करीब 96 फीसदी भुगतान हो रहा है. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिए टोल कलेक्शन को देखते हुए अगले 10 साल में टोल प्लाजा के निर्माण पर जोर दिया जाएगा. एनएचएआई का कहना है कि फास्टैग का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी आसानी से हो रहा है. दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक मोड से टोल कलेक्शन की वजह से टोल संचालक और वाहन चालक एक दूसरे के संपर्क में नहीं आते हैं.