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Facility : अब इन लोगों को मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा, सरकार ने बनाई योजना

Cashless Treatment Facility for Accidents: सड़क दुर्घटना में घायलों के प्रति अब केन्द्र सरकार संवेदनशील हो गई है. क्योंकि आंकड़ों के मुताबिक हर साल सड़क दुर्घटना में लगभग 3 से 4 लाख लोग घायल हो जाते हैं. जिनमें से आधे से ज्यादा सिर्फ इस लिए दम तोड़ द

News Nation Bureau
| Edited By :
05 Dec 2023, 11:59:02 AM (IST)

highlights

  • शुरुआत में कुछ राज्यों में उसके बाद पूरे देश के घायल ले पाएंगे सुविधा लाभ
  • कैशलेस सुविधा का लाभ केवल घायल होने वाले लोगों को ही मिलेगा
  • शीतकालीन सत्र में ही सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय  कर सकता है सुविधा का ऐलान 

दिल्ली :

Cashless Treatment Facility for Accidents: सड़क दुर्घटना में घायलों के प्रति अब केन्द्र सरकार संवेदनशील हो गई है. क्योंकि आंकड़ों के मुताबिक हर साल सड़क दुर्घटना में लगभग 3 से 4 लाख लोग घायल हो जाते हैं. जिनमें से आधे से ज्यादा सिर्फ इस लिए दम तोड़ देते हैं क्योंकि उन्हे टाइम पर इलाज नहीं मिला.  इसलिए केन्द्र सरकार  ने पूरे देश में दुर्घटना में घायल हुए लोगों का इलाज कैशलेस कराने की योजना बनाई है. बताया जा रहा है कि बहुत जल्द सड़क एवं परिवहन मंत्रालय स्कीम की घोषणा भी कर देगा. जानकारी के मुताबिक शुरूआत में कुछ ही राज्यों में सुविधा की शुरूआत की जा रही है. लेकिन आने वाले चार माह में पूरे देश में योजना सुचारू कर दी जाएगी..

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पूरे देश मे होगी सुविधा लागू
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि "रोड एक्सीडेंट की वजह से सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. निशुल्क और कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट का नियम मोटर व्हीकल एक्ट में शामिल है. इस नियम का पालन कुछ राज्यों में किया जा रहा है. मगर, अब इसे पूरे देश में लागू करने का समय आ गया है. इसलिए हमने स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय से अपील की है कि कैशलेस इलाज का सिस्टम पूरे देश लागू करवाएं,,.  कैशलेस इलाज की सुविधा को शुरू कराने के पीछे सरकार का एक ही उद्देश्य है कि दुर्घटना से होने वाली मौतों में कमी आ सके..  

क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट ?
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट और सुप्रीम कोर्ट भी मानता है कि  दुर्घटना में घायलों का इलाज तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल में होना जरूरी है.  क्योंकि दुर्घटना में घायल को जल्दी इलाज मिल जाए तो उसकी जिंदगी बचने के चांस ज्यादा होते हैं. इसलिए उस समय कोई भी अस्पताल पैसे की डिमांड न करे. कई बार दुर्घटना में घायल होने वाले मरीज को इसलिए उपचार में देरी होती है कि अस्पताल में पैसे नहीं दिये  होते. जब तक पैसे का इंतजाम होता है तब तक बहुत देर हो गई होती है. इसलिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय अगले कुछ दिनों में कैशलेस ट्रीटमेंट की घोषणा कर सकता है... हालांकि आधिकारिक रूप से इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. लेकिन मंत्रालय के सचिव ने इसके संकेत जरूर दिये हैं.