नार्थ ब्लॉक में ड्राफ्ट हो रही UP के बंटवारे की फ़ाइल, जानें इसकी सच्चाई
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के विभाजन के प्रस्ताव के साथ वे गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. इसके बाद कयाबाजी का दौर और तेज हो गया है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के विभाजन से जुड़ी तमाम खबरें इस समय सोशल मीडिया में छाई हुई हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान के बाद से इसे लेकर सरगर्मी और बढ़ गई है. अब तो यह बात भी कही जा रही है कि उत्तर प्रदेश के बंटवारे से संबंधित ड्राफ्ट नॉर्थ ब्लॉक में तैयार हो रही है. यह भी कहा जा रहा है राज्य सरकार के स्तर पर भी इसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के विभाजन के प्रस्ताव के साथ वे गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. इसके बाद कयाबाजी का दौर और तेज हो गया है.
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क्यों तेज हुई सुगबुगाहट?
दरअसल, पिछले काफी दिनों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बंटवारे को लेकर कुछ खबरें लगातार शेयर की जा रही हैं. NewsState ने कुछ दिनों पहले "क्या UP को बांटने जा रही है मोदी सरकार?" शीर्षक से खबर प्रकाशित भी की थी. इसके बाद समाजवादी पार्टी (Samajvadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Aklhilesh Yadav) ने कहा था, मोदी सरकार (Modi Sarkar) की यही दिक्कत है, कुछ समझ में न आए तो सबकुछ बांट दो. दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने सुझाया था कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को दो भागों में बांट देना चाहिए. उन्होंने तो यह भी कहा कि वे इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे.
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इस तरह बंटवारे का दावा
दावा किया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश बंटवारा और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मोदी सरकार विचार कर रही है. यह भी कहा जा रहा था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा तो मिलेगा, लेकिन लुटियंस दिल्ली को इससे दूर रखा जा सकता है. साथ ही हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रिवाड़ी, नूंह (मेवात), पलवल और फरीदाबाद को प्रस्तावित दिल्ली राज्य का हिस्सा बनाने की बात कही जा रही है. हरियाणा के इन जिलों को अलग करने की भरपाई उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल के जिले बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड, बुलंदशहर और मेरठ दिल्ली प्रदेश में शामिल करके किए जाने की बात कही जा रही है. सहारनपुर मंडल के सभी तीनों जनपद के हरियाणा में शामिल करने का दावा किया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि मुरादाबाद मंडल को उत्तराखंड का हिस्सा बनाया जा सकता है.
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उत्तर प्रदेश को लेकर जो दावे किए जा रहे थे, उसके अनुसार, वर्तमान उत्तर प्रदेश बना रहेगा और इसके अलावा दो नए राज्य बनाए जाएंगे- पूर्वांचल (गोरख प्रांत) और बुंदेलखंड. गोरख प्रांत (पूर्वांचल) की राजधानी गोरखपुर तो बुंदेलखंड की राजधानी प्रयागराज को बनाने की बात कही जा रही है. गोरख प्रांत (पूर्वांचल) में देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, आजमगढ़, बलिया, मऊ, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, अम्बेडकर नगर, अयोध्या , सुल्तानपुर ,अमेठी, बाराबंकी, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी को शामिल करने की बात कही जा रही है.
प्रस्तावित बुन्देलखण्ड में प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, झांसी, जालौन, ललितपुर, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, सोनभद्र, कानपुर, कानपुर देहात, औरैया को लेने का दावा किया जा रहा है.
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शेष बचे उत्तर प्रदेश में लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बरेली, बदायू , बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, फर्रूखाबाद व कन्नौज सहित कुल 20 जिले शामिल होंगे.
क्या है सच्चाई?
इन दावों की सच्चाई के बारे में हमने तहकीकात की. तमाम नेताओं के टि्वटर हैंडल खंगाले. सरकार के स्तर पर सच्चाई जानने की कोशिश की. उत्तर प्रदेश सरकार से भी इसकी पुष्टि कराने की कोशिश की गई, लेकिन इस बारे में कही से यह दावा पुख्ता साबित होता नहीं दिख रहा है. हो सकता है मोदी सरकार अपने चौंकाने वाले फैसले की शृंखला में इस तरह का कोई फैसला ले ले, लेकिन फौरी तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है.