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'यूपी के मदरसों के छात्रों के हाथ में कुरान-कंप्यूटर हो, सबके साथ वे भी बढ़ें'

बहुत साफ नीयत के साथ योगी सरकार ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण के प्रयास किए और कर रही है.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 Mar 2021, 08:00:04 AM (IST)

highlights

  • मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की डिग्री सुधार रही योगी सरकार
  • मकसद यही कि मदरसे के छात्र देश के अन्य छात्रों संग बढ़ें
  • मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक रूप-स्वरूप दे रही सरकार

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था करते वक्त हिंदू-मुस्लिम में कोई भेदभाव नहीं किया. योगी सरकार का मकसद बहुत साफ है कि मदरसों (Madarsa) में पढ़ने वाले छात्रों के एक हाथ में पवित्र कुरान हो, तो दूसरे हाथ में कंप्यूटर. बहुत साफ नीयत के साथ योगी सरकार ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण के प्रयास किए और कर रही है. इसके साथ ही भारतीय इतिहास में आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया था. योगी सरकार ने इस दोहरी नीति को सही करने का काम किया है. भारत का इतिहास गुलामी का नहीं रहा है, बल्कि संघर्षों का रहा है. यह बात उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) ने न्यूज नेशन और न्यूज स्टेट के लखनऊ में शनिवार को आयोजित कॉन्क्लेव में कही. 

मदरसों की डिग्री की वैल्यू बढ़ा रही योगी सरकार
योगी सरकार मदरसों पर नकेल कस रही है और इतिहास को बदलने की चेष्टा कर रही है... विपक्ष के इस आरोप पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि योगी सरकार की शिक्षा नीति के तहत मु्स्लिम छात्रों को लाभ मिल रहा है. हमने मदरसों के कैरिकुलम से कतई कोई छेड़छाड़ नहीं की है. अभी तक मदरसों की डिग्री आधुनिक नहीं मानी जाती थी. यहां तक कि पासपोर्ट से लेकर नौकरी हासिल करने तक में मदरसों की डिग्री काम नहीं आती थी. ऐसे में मदरसों की डिग्री की व्यवस्था की. उसकी वैल्यू बढ़ाते हुए आधुनिकीकरण का लक्ष्य लेकर चल रही है योगी सरकार. योगी सरकार को कतई कोई आपत्ति नहीं है कि मदरसों के छात्रों के हाथों में पवित्र कुरान हो और मुंह में अल्लाह का नाम. हम मदरसों के छात्रों की राष्ट्रीय सहभागिता बढ़ाने, भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम मदरसों के छात्रों पर नकेल नहीं कस रहे, बल्कि उन्हें योग्य बना रहे हैं. 

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इतिहास की दोहरी नीति खत्म कर रही प्रदेश सरकार
इतिहास में फेरबदल के आरोप के जवाब में दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत का दुर्भाग्य रहा है कि तुर्क, मंगोल, ब्रिटिश आक्रांता आए. देश को लूटा खसोटा और चले गए. वह समृद्ध भारतीय संस्कृति को नहीं लूट पाए. भारत का इतिहास गुलामी का नहीं रहा है, बल्कि संघर्ष का रहा है. हमने आक्रांताओं की दमनकारी नीतियों के बावजूद अपनी संस्कृति को बचाए रखा. बादशाहनामा, अकबरनामा, फाहियान जैसे इतिहासकारों के आधार पर प्राचीन भारत की कल्पना की है. इन सभी ने भारत के इतिहास को गलत तरीके से लिखा. वामपंथियों ने छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर साक्ष्य को आधार नहीं बनाते हुए इतिहास को गलत परिभाषित किया. उन्हें विदेशी परंपरा और आक्रांता ही ध्यान रहे. उन्होंने आक्रांताओं को महान दिखाया. योगी सरकार चोरीचौरा के 100 साल होने पर उत्सव मनाती है. हम 1857 के क्रांति दूतों को नमन करते हैं. सवाल यह उठता है कि राजा सुहेलदेव की स्तुति नहीं की गई, आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया. इस दोहरी नीति को ठीक करने का काम कर रही है योगी सरकार.