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लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच के लिए एसआईटी गठित

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को लखीमपुर घटना की जालियावाला कांड से तुलना करते हुए कहा कि लोग बीजेपी को उसकी (सही) जगह दिखा देंगे.

News Nation Bureau
| Edited By :
05 Oct 2021, 08:39:13 PM (IST)

highlights

  • सदस्यों की एसआईटी टीम लखीमपुर कांड की जांच करेगी
  • शरद पवार ने लखीमपुर खीरी की हिंसा की तुलना जलियांवाला बाग से की
  • लखीमपुर खीरी में इंटरनेट सेवा बहाल हो गयी है

लखनऊ:

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. 6 सदस्यों की एसआईटी टीम लखीमपुर कांड की जांच करेगी. आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने एसआईटी जांच की घोषणा करते समय कहा कि पूरी घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आशीष मिश्र को नामजद आरोपी बनाया गया है. लखीमपुर खीरी में इंटरनेट सेवा बहाल हो गयी है. लेकिन निषेधाज्ञा अब भी लागू है, शहर में मंगलवार को स्थिति धीरे धीरे सामान्य होती नजर आई. 

गौरतलब है कि रविवार को यहां तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे. जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकोनिया गांव के रास्ते में कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बल के जवानों को गश्त करते देखा जा सकता है. लखीमपुर रेलवे स्टेशन, बाजार और अन्य स्थानों पर सामान्य गतिविधियां देखी गईं. दुकानों में भी सामान्य रूप से कारोबार होता दिखा.

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अपने पुत्र आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा, FIR कराने का हक सबको है. उन्होंने FIR कराई है. सबूत इकट्ठे होंगे तो सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी. हम कार्यक्रम स्थल पर नहीं थे न हमारा पुत्र वहां था. ये सारी बातें स्पष्ट हो चुकी हैं. हमें किसी जांच से कहीं कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक जांच एजेंसी का सामना करने के लिए तैयार हैं. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. जो लोग दोषी होंगे, जिन्होंने साजिश रची है उन्हें किसी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा.

लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के विरोध में धरना-प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने निघासन थाने पर धरना दिया. एक प्रतिनिधिमंडल थानाध्यक्ष से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की.

A delegation of Aam Aadmi Party, Punjab has been at Thana Nidhasan in Lakhimpur Kheri district pic.twitter.com/yd9zEsYDwY

— ANI UP (@ANINewsUP) October 5, 2021

लखीमपुर हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए किसान नेता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. किसान नेताओं का आरोप है कि अजय मिश्रा के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. क्योंकि पुलिस अधिकारियों पर गृह मंत्रालय का दबाव काम करेगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने गोली से मारे गये व्यक्ति के पोस्टमार्टम पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि घटना के दौरान गोली से मरने वाले व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सही नहीं है. बहराइच में फिर से पोस्टमार्टम किया जा रहा है. दो शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. 

The post-mortem report of a person, who was shot dead during the incident is not correct. A post-mortem is being conducted again in Bahraich. Cremation of two bodies has been done: BKU leader Rakesh Tikait in Lakhimpur pic.twitter.com/DEXpNCPT9N

— ANI (@ANI) October 5, 2021

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को लखीमपुर घटना की जालियावाला कांड से तुलना करते हुए कहा कि लोग बीजेपी को उसकी (सही) जगह दिखा देंगे तथा पार्टी को लखीमपुर घटना की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. हिंसा को ‘किसानों पर हमला’ करार देते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर इसकी जिम्मेदारी बनती है और ‘‘लोग उसे (भाजपा को) उसकी (सही) जगह दिखा देंगे.’’

आज नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी आलोचना की। इस मामले पर न तो केंद्र और न ही उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दुर्घटना के बारे में संवेदनहीनता दिखाई है। pic.twitter.com/qjwHd0i4Wf

— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 5, 2021

दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने लखीमपुर खीरी की हिंसा का जलियांवाला बाग से तुलना करते हुए कहा कि किसान भाजपा को सही जगह दिखा देंगे.