अतीक अहमद मामला: सीबीआई ने देवरिया जेल अधिकारियों से पूछताछ की
अतीक अहमद और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होने के एक सप्ताह बाद सीबीआई की यह कार्रवाई सामने आई है.
नई दिल्ली:
बदमाशों और जेल प्रशासन के बीच सांठगांठ का पता लगाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के देवरिया जेल के कई अधिकारियों से कथित रूप से अपने परिसर में एक रियल एस्टेट डीलर के अपहरण और पिटाई के मामले में पूछताछ की. आपराधिक छवि वाले समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होने के एक सप्ताह बाद सीबीआई की यह कार्रवाई सामने आई है.
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सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम ने आज (शुक्रवार) देवरिया जेल में तैनात कई अधिकारियों से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों ने जेल अधिकारियों से सवाल किया कि लखनऊ के रियल एस्टेट डीलर मोहित जायसवाल को अहमद के लोगों द्वारा जेल परिसर के अंदर कैसे लाया गया.
एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बिना कोई भी जेल परिसर के अंदर नहीं गया होगा. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जेल परिसर के अंदर पूर्व सांसद के बेटे उमर अहमद और उसके साथियों के साथ अपहृत व्यवसायी का प्रवेश जेल अधिकारियों और बदमाशों के बीच सांठगांठ को उजागर करता है. अधिकारी ने कहा कि वे अहमद से पूछताछ करने की योजना बना रहे हैं, जो वर्तमान में गुजरात जेल में बंद हैं.
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यह पहली बार नहीं है कि उत्तर प्रदेश में बदमाशों और जेल प्रशासन के बीच सांठगांठ सामने आई है. जायसवाल को पिछले साल 26 दिसंबर को लखनऊ से अपहरण कर देवरिया जेल ले जाया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले के संबंध में जेल अधीक्षक सहित पांच जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. पिछले सप्ताह सीबीआई ने अहमद और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर जायसवाल के अपहरण और उनके साथ मारपीट करने का मामला दर्ज किया और अहमद व उसके साथियों पर अपहरण, जबरन वसूली, आपराधिक धमकी, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और डकैती की धाराओं के तहत आरोप लगाए.
बता दें कि अतीक अहमद 2004 से 2009 तक उत्तर प्रदेश के फूलपुर से 14वीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद थे. वह पांच बार विधायक रहे और 11 फरवरी, 2017 से जेल में हैं. सीबीआई ने 23 अप्रैल, 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज किया है.
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