कोरोना की जंग में BHU को मिली बड़ी सफलता, इस तकनीक से महज 1 घंटे में हो सकेगी सटीक जांच
विज्ञान संकाय के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की एसोसिएट प्रोफेसर डा. गीता राय ने इसे अपने लैब में शोध छात्राओं की मदद से बनाया है.
वाराणसी:
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनारस विश्व विद्यालय की झोली में बहुत बड़ी सफलता आई है. बीएचयू ने ऐसी तकनीक खोज निकाली है, जिससे 1 घंटे में कोरोना की जांच हो सकती है. कोविड-19 की जांच की एक नई तकनीक खोजने में कामयाबी मिली है. इस नई तकनीक से सिर्फ 1 घंटे में कोरोना संक्रमण की सटीक जांच की जा सकेगी. विज्ञान संकाय के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की एसोसिएट प्रोफेसर डा. गीता राय ने इसे अपने लैब में शोध छात्राओं की मदद से बनाया है. उनका दावा है कि कोरोना जांच की यह स्ट्रीप तकनीक बिल्कुल नई है.
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गलत रिपोर्ट आने की संभावना बिल्कुल भी नहीं
यह कोरोना वायरस की प्रोटीन की परख पर आधारित है. उन्होंने कहा कि इसमें गलत रिपोर्ट आने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है. डा. गीता राय गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि इस तकनीक को रिवर्स ट्रांसक्रीप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी पीसीआर) कहा जाता है. इस तकनीक पर आधारित जांच की यह प्रक्रिया बेहद कारगर होगी. यह तकनीक एक ऐसे अनोखे प्रोटीन सिक्वेंस को लक्ष्य करती है, जो सिर्फ कोविड-19 में मौजूद है. यह प्रोटीन सिक्वेंस किसी और वायरल स्ट्रेन में नहीं पाया जाता है.
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टीम ने दिन-रात मेहनत कर यह कामयाबी पाई
गीता राय ने अपनी लैब में इसे तैयार किया है. यह महत्वपूर्ण खोज करने वाली उनकी टीम में शोधार्थी डोली दास, खुशबू प्रिया और हीरल ठक्कर शामिल हैं. टीम ने दिन-रात मेहनत कर यह कामयाबी पाई है. यह जांच ज्यादा सस्ती और आसान है. उन्होंने इस नई तकनीक के पेटेंट के लिए भी आवेदन दे दिया है. प्रो. राय ने इस दिशा में मार्गदर्शन और समर्थन के लिए सेट्रल ड्रग स्टैंडर्ड क्ंट्रोल आर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च ऑफ इंडिया (आईसीएमआर) से भी संपर्क किया है. इस तकनीक को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए सम्बंधित इंडस्ट्री की सहभागिता और सहयोग भी आवश्यक है.