Ayodhya Ram Mandir: रामलला की मूर्ति सलेक्शन को लेकर हुआ मतदान, रेस में यह प्रतिमा सबसे आगे
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इससे पहले आज यानी शुक्रवार को प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्तियों के चयन को लेकर बैठक हुई
New Delhi:
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इससे पहले आज यानी शुक्रवार को प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्तियों के चयन को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्य मौजूद रहे. ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने अपनी राय पर्ची पर लिखकर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंप दी. माना जा रहा है कि मैसूर के प्रसिद्ध शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित मूर्ति को रामलला के लिए चयनित किया जा सकता है.
यह खबर भी पढ़ें- प्रधानमंत्री अयोध्या की धरती से देश को देंगे 15 हजार करोड़ की सौगात, एयरपोर्ट से लेकर ये गिफ्ट शामिल
सभी सदस्यों की राय को गुप्त रखा गया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राम मंदिर में रामलला की अचल मूर्ति लगनी है. राम मंदिर के गर्भगृह में एक मूर्ति की स्थापना होनी है, लेकिन इसके लिए तीन मूर्तियों का निर्माण कराया गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी सदस्यों ने अपनी-अपनी राय पर्ची पर लिखकर जमा कर दी है, लेकिन अंतिम निर्णय अध्यक्ष और महासचिव को लेना है. सभी सदस्यों की राय को गुप्त रखा गया है.
यह खबर भी पढ़ें- Weather Update: दिल्ली-NCR में घने कोहरे से कब मिलेगी निजात? मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
कौन हैं अरुण योगीराज
आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए राम लला की एक मूर्ति का निर्माण अरुण योगीराज ने किया है. अरुण योगीराज कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं. वो अरुण योगीराज के पिता ही हैं जिनको वाडियार घराने के महलों में खूबसूरती बिखेरने के लिए जाना जाता है. प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने 2008 में एमबीए की पढ़ाई मैसूर यूनिवर्सिटी से की है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अरुण योगीराज द्वारा निर्मित सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट ऊंची प्रतिमा की तारीफ कर चुके हैं. इस प्रतिमा को अमर जवान ज्योति स्थल के पीछे भव्य छतरी के नीचे स्थापित किया गया है.