नागरिकता बिल में कई खामियां, BJP सरकार ने दिखाई जल्दबाजी: सचिन पायलट
लोकसभा में करीब 7 घंटे की बहस के बाद आखिरकार सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Bill 2019) पास हो गया. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में इस बिल को पेश किया जाएगा.
नई दिल्ली:
लोकसभा में करीब 7 घंटे की बहस के बाद आखिरकार सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Bill 2019) पास हो गया. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में इस बिल को पेश किया जाएगा. नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में 311 वोट मिलें जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ वोटिंग की. लोकसभा में इस बिल के पास होते ही पूर्वोत्तर राज्यों में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो गया है. वहीं विपक्षी नेता भी अपने बयान से इस बिल पर बीजेपी सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इसपर कहा, ' यह जल्दबाजी में लाया गया बिल है, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. जिस तरह इस बिल को लाने की जल्दबाजी बीजेपी सरकार ने दिखाई हैं उसके कारण इस बिल में कई खामियां हैं.'
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर करारा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने मंगलवार को किए गए ट्वीट में कहा, नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 भारतीय संविधान पर हमला है. जो कोई भी इसका समर्थन करता है, वह हमारे राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है.'
बता दें कि कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है. कांग्रेस ने इस विधेयक को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया है. पार्टी का कहना है कि इस विधेयक से संविधान के अनुच्छेद 14 यानी समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा, जिसमें कहा गया है कि देश में धर्म के आधार पर कहीं भी किसी से भेदभाव नहीं किया जाएगा.
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गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल में सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न के शिकार होकर आने वाले गैर-इस्लामिक धर्मावलंबियों हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और इसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया है. इसमें मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भारतीय संविधान धर्म के आधार पर इस तरह के भेदभाव की इजाजत नहीं देता.