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पंजाब बिजली संकट: हरसिमरत बोलीं- कांग्रेस डाल चुकी अपने हथियार

पंजाब में बिजली संकट को लेकर शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने निशाना साधा है

News Nation Bureau
| Edited By :
05 Jul 2021, 04:15:19 PM (IST)

highlights

  • पंजाब में बिजली संकट पर सियासी संग्राम जारी है
  • प्रदेश के अमरिंदर सरकार पर विपक्षी पार्टियों का हमला
  • अकाली दल की नेता हरसिमरत कौन ने भी साधा निशाना

नई दिल्ली:

पंजाब में बिजली संकट को लेकर सियासी संग्राम जारी है. पावर कट को लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आई प्रदेश की अमरिंदर सरकार पर अब शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने निशाना साधा है. ​कौर ने कहा ​कि कांग्रेस अपने हथियार डाल चुकी है. उन्होंने हार स्वीकार कर ली है. पूरे पंजाब में बिजली संकट को लेकर हाहाकार मचा है. लेकिन सरकार को लोगों की कोई चिंता नहीं है. वो तो केवल अपना पद बचाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं. आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के ही नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला बोला था. सिद्धू ने कहा था ​कि राज्य में ​इलेक्ट्रिसिटी क्राइस के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. 

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आपको बता दें कि सिद्धू ने आरोप लगाया था कि पंजाब इस समय 4.54 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की खरीद कर रहा है, जो राष्ट्रीय और राजधानी चंडीढ़ के औसत से काफी ज्यादा है. पूर्व क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धूृ ने पंजाब सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा कि पंजाब ही ऐसा राज्य है जो किसी अन्य राज्य से महंगी बिजली खरीदता है. एक के बाद एक किए कई ट्वीट में सिद्धू ने कहा था कि शुरुआती दौर में बादल सरकार ने तीन कंपनियों से बिजली खरीद की बात सुनिश्चित की थी और पिछले साल यानी 2020 तक हम इन्हीं कंपनियों से बिजली खरीदते भी आ रहे थे, लेकिन नेशनल ग्रिड से बिजली की खरीद सस्ती पड़ती है, इसलिए पंजाब सरकार को अब वहीं से बिजली खरीदनी चाहिए. 

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कांग्रेस नेता ने कहा था कि पंजाब सरकार अगर चाहे तो विधानसभा में एक कानून पेश कर बिजली के दामों में कटौती कर सकती है. ऐसे करने से पंजाब के लोगों को सस्ती बिजली के रूप में राहत की सांस मिलेगी. उन्होंने कहा कि पंजाब प्रति यूनिट की हिसाब से कंपनियों को अधिक पैसा देता है, जबकि इस आधार प र कमाई कम है. सिद्धू ने यह भी कहा कि पंजाब को अपना मॉडल अपनाना चाहिए, क्योंकि राज्य 9 हजार करोड़ की सब्सिडी देता है, जबकि दिल्ली केवल 1699 करोड़ की ही सब्सिडी देता है. गौरतलब है कि पंजाब मेें बिजली संकट को लेकर सरकार ने बिजली की बचत के लिए कार्यालयों में एसी न चलाने या कम चलाने की अपील की है.