कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए एचडी कुमारस्वामी, भाग्य ने एक बार फिर नहीं दिया साथ
इसी तरह बगावत करके 2006 में कांग्रेस और जेडीएस की साझा सरकार को खुद कुमारस्वामी ने भी गिराई थी.
नई दिल्ली:
जेडीएस को 37 सीटें मिलने के बावजूद कांग्रेस के समर्थन से कर्नाटक (Karnataka) की सत्ता पर 14 महीने से काबिज एचडी कुमारास्वामी (HD Kumaraswamy) की सरकार अंततः गिर ही गई. कहते हैं इतिहास खुद को दुहराता है. इसी तरह बगावत करके 2006 में कांग्रेस और जेडीएस की साझा सरकार को खुद कुमारस्वामी ने भी गिराई थी. इससे पहले एचडी कुमारस्वामी 4 फरवरी 2006 से 9 अक्टूबर 2007 तक कर्नाटक (Karnataka) के सीएम रहे.
23 मई 2018 को एचडी कुमारस्वामी को फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, लेकिन इस बार वह 14 महीने सरकार चला पाए. कई दिनों से चल रहे कर्नाटक (Karnataka) के नाटक का आखिरकार पटाक्षेप हो ही गया. विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिर जाने के बाद कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया. विधानसभा में विश्वास मत पर चर्चा के दौरान सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा था, 'मैं एक्सिडेंटल सीएम हूं, नसीब मुझे यहां खींच लाया. '
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कर्नाटक (Karnataka) की राजनीति में असंतोष, बगावत और सरकार गिराने की रीति पुरानी है. एचडी कुमारस्वामी आज अपने विधायकों के जिन बागी तेवरों को झेल रहे हैं वैसा ही कुछ 2006 में कुमारस्वामी की अगुआई में जेडीएस के 42 विधायकों ने दिखाए थे. और इत्तेफाक देखिए, उस समय भी कर्नाटक (Karnatak) में कांग्रेस और जेडीएस की साझा सरकार थी और सीएम थे कांग्रेस के नेता धर्म सिंह. कुमारस्वामी 42 विधायकों के साथ अलग हो गए और सरकार गिर गई . लेकिन इस बार के नाटक में शिकारी खुद शिकार हो गया.
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28 जनवरी 2006 को कुमारस्वामी की अगुआई में जेडीएस और बीजेपी की साझा सरकार बनी. एचडी कुमारस्वामी 4 फरवरी 2006 से 9 अक्टूबर 2007 तक सीएम रहे. 27 सितंबर 2007 को कुमारस्वामी ने ऐलान किया कि साझा सरकार के समझौतों के अनुरूप वह 3 अक्टूबर को पद से हट जाएंगे, लेकिन 4 अक्टूबर को उन्होंने बीजेपी को सत्ता सौंपने से इनकार कर दिया. 8 अक्टूबर को कुमारस्वामी ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा और दो दिन बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.
2018 के चुनावों के कम सीटों के बावजूद मिली सत्ता
राज्य विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं लेकिन बहुमत से मात्र 9 सीटें दूर रह गई. 17 मई 2018 को बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बीएस येदियुरप्पा बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा जुटा नहीं सके और 19 मई 2018 को इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस के साथ हुए समझौते के तहत 23 मई 2018 को एचडी कुमारस्वामी फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बने. 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं थीं, कांग्रेस को 80 सीटें और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं.
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कुमारास्वामी से कांग्रेसी नेता शुरू से ही नाखुश थे. इस गठबंधन का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया शुरू से ही नाखुश थे. उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सलाह दी कि वह गठबंधन समाप्त कर दें लेकिन राहुल ने उनकी नहीं सुनी.
13 विधायकों के इस्तीफे ने हिलाई सरकार
कर्नाटक (Karnatak) में राजनीतिक संकट की शुरुआत 6 जुलाई को हुई जब जेडीएस और कांग्रेस के 12 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था. इन 13 विधायकों के बाद निर्दलीय विधायक नागेश ने भी इस्तीफा सौंप दिया. नागेश मुंबई के लिए रवाना हो गए जहां पहले से ही कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक एक होटल में मौजूद थे. निर्दलीय विधायक नागेश ने गवर्नर को पत्र लिखकर कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि बीजेपी समर्थन मांगती है तो वह उसके साथ हैं.