टेरर फंडिंग मामले में जमात के ठिकानों पर NIA की छापेमारी, 14 जिलों में ताबड़तोड़ Raid
एनआईए ने हाल ही में रजिस्टर हुए जमात-ए-इस्लामी मामले में भी कई जगहों पर छापेमारी की है. जमात संगठन के कई सदस्यों के घरों पर भी छापेमारी की गई. जिसमें जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख का आवास भी शामिल है.
highlights
- जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर कस रहा शिकंजा
- कभी NIA, तो कभी CBI कर रही छापेमारी
- अलग- अलग मामलों में हो रही रेड
श्रीनगर:
टेरर फंडिग मामले में जम्मू कश्मीर में NIA लगातार छापेमारी कर रही है. अब तक 14 जिलों के 40 जगहों पर छापा पड़ चुका है. किश्तवाड़, राजौरी व अन्य कई जगहों पर अभी तक छापेमारी हुई है. हालांकि, अभी अधिकारी मामले की जानकारी साझा करने पर चुप्पी साधे हुए हैं. एक सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ सदस्यों से जुड़े परिसरों की तलाशी ले रही है. इस बीच एनआईए ने दो अलग-अलग मामलों में अलग-अलग जगहों पर तलाशी ली है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है. फिलहाल कार्यवाही अभी जारी है.
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एनआईए ने हाल ही में रजिस्टर हुए जमात-ए-इस्लामी मामले में भी कई जगहों पर छापेमारी की है. जमात संगठन के कई सदस्यों के घरों पर भी छापेमारी की गई. जिसमें जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख का आवास भी शामिल है. ये छापेमारी गांदरबल, शोपियां व अनंतनाग में एक साथ हो रही है.
इससे पहले CBI ने बंदूकों के नकली लाइसेंस मामले में की थी छापेमारी
हाल ही में जम्मू- कश्मीर में सीबीआई (CBI) ने कई जगहों पर छापेमारी करके करोड़ों की बंदूकों के नकली लाइसेंस के स्कैम को उजागर किया था. सीबीआई (CBI) द्वारा श्रीनगर के पूर्व डीसी व आईएएस अधिकारी (IAS Officer) साहिद इकबाल चौधरी के आवास पर भी छापेमारी की गई थी. यह मामला सीबीआई (CBI) को 2018 में सौंपा गया था, जिसमें दो लाख से अधिक बंदूकों के नकली लाइसेंस को जम्मू कश्मीर से राजस्थान के लिए बैक डेट में जारी किया गया था. यह सारा कारनामा लगभग 15 सालों (2007 से शूरूआत) में किया गया था. इस स्कैम में कई आईएएस अधिकारी (IAS Officer) व केएएस अधिकारी (KAS Officer) शामिल पाए गए थे. सीबीआई (CBI) और आगे की तहकीकात अभी कर रही है. हालांकि भारत ने इस मामले में साफ किया है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक और अभिन्न अंग है, इसलिए जम्मू कश्मीर से जुड़ा कोई भी मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है और इसे भारत खुद हल कर सकता है.