.

महबूबा मुफ्ती बोली-हम चाहते हैं कि पाकिस्तान में लोकतंत्र फले फूले

पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर संयमित बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है और हम चाहते हैं कि वहां लोकतंत्र फले फूले.

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Apr 2022, 07:45:11 PM (IST)

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती है. अक्सर वह जम्मू-कश्मीर से धारा -370 हटाने के विरोध में आतंकियों और पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी करती रहती है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने महबूबा ने आज यानि सोमवार को पाकिस्तान को लेकर बयान दिया है. महबूबा मुफ्ती अक्सर पाकिस्तान को लेकर सहानुभूति वाले बयान के लिए जानी जाती हैं. हालांकि उन्होंने इस बार पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर संयमित बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है और हम चाहते हैं कि वहां लोकतंत्र फले फूले. उन्होंने कहा कि मेरी चाहत है कि पड़ोसी मुल्कों में भी डेमोक्रेसी मजबूत हो. श्रीनगर से एक कार्यक्रम में शामिल होने आईं महबूबा मुफ्ती से जब पाकिस्तान के राजनीतिक संकट पर पूछा गया तो उन्होंने यह बात कही.

पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिर गई है और आज नेशनल असेंबली में नए पीएम के लिए वोटिंग होनी है. इस बीच इमरान खान ने अपनी पार्टी पीटीआई के संसदीय सदस्यों की बैठक बुलाई है जो अभी भी जारी है. चर्चा है कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सभी सदस्य सामूहिक इस्तीफा देंगे. नेशनल असेंबली में अगर सब कुछ नियमों के मुताबिक चलता रहा है तो शहबाज शरीफ का पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना तय है. शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं.

यह भी पढ़ें : कई राज्यों में श्रीरामनवमी की शोभायात्रा पर हमला, जानें- कहां क्या हुआ

इस बीच महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद लगातार केंद्र सरकार से नाराज चल रही हैं. कल उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि सरकार जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को दबाने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मूकदर्शक बनकर यह सब देख रहे हैं. महबूबा ने कहा, ‘मुझे अब पीएम से कोई उम्मीद नहीं है.’ महबूबा मुफ्ती ने कुपवाड़ा में कहा था, ‘अगर घाटी में सब कुछ ठीक है और शांति है तो यहां सुरक्षा बलों की संख्या क्यों बढ़ाई जा रही है.’