JNU मामले पर उठे सवाल, 400 सुरक्षा गार्ड थे तैनात, फिर कैसे घुसे बदमाश
ये सवाल इसलिए और ज्यादा खड़े हो रहे हैं क्योंकि पिछले साल की ही जेएनयू की सुरक्षा में 17 करोड़ रुपए खर्ज किए गए थे
नई दिल्ली:
5 जनवरी की रात जेएनयू परिसर में हुए हमले के बाद से हर तरफ इस घटना की निंदा हो रही है. इतना ही नहीं, इस हमले के बाद कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. दरअसल 2016 में जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए जाने के बाद यहां की सुरक्षा काफी ज्यादा बढ़ा दी गई थी. यहां करीब 400 निजी गार्ड तैनात थे. ऐसे में लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि इतनी भारी मात्रा में सुरक्षा होने के बावजूद नकाबपोश बदमाश परिसर में कैसे घुस गए.
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दरअसल ये सवाल इसलिए और ज्यादा खड़े हो रहे हैं क्योंकि पिछले साल की ही जेएनयू की सुरक्षा में 17 करोड़ रुपए खर्ज किए गए थे. इतना ही नहीं यहां किसी पत्रकार या छात्र को भी बगैर प्रवेश पत्र के अंदर घुसने की इजाजत भी नहीं मिलती. इस मामले में बताया ये भी जा रहा है कि जेएनयू परिसर में हमला करने से पहले सीसीटीवी के तारों को काटने की कोशिश की गई थी. इस हिंसा में करीब 34 छात्र घायल हो गए थे.
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बताया ये भी जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है. इनपर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने, और सर्वर रूम को तबाह करने का आरोप है. पुलिस ने ये एफआईआर प्रशासन की शिकायत पर 5 जनवरी को दर्ज की है. बता दें कि रविवार को कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और प्रोफेसरों की लाठी-डंडो व रॉड से पिटाई कर दी थी.