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दिल्ली हिंसा मामले पर आ फिर होगी HC में सुनवाई, जवाब दाखिल करेगी दिल्ली पुलिस

भड़काऊ भाषण देने पर एफआईआर दर्ज करने से जुड़ी याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई में दिल्ली पुलिस आज अपना जवाब दाखिल करेगी

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Feb 2020, 08:47:51 AM (IST)

नई दिल्ली:

दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) मामले में आज यानी गुरुवार को एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. भड़काऊ भाषण देने पर एफआईआर दर्ज करने से जुड़ी याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई में दिल्ली पुलिस आज अपना जवाब दाखिल करेगी. दरअसल दिल्‍ली हिंसा (Delhi Violence) को लेकर दिल्‍ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में बुधवार को सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट की ओर से कहा गया कि हम 1984 जैसा दंगा रिपीट नहीं होने देंगे. हाई कोर्ट अमन कमेटियों को बहाल किए जाने पर बल दिया और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर अब तक कार्रवाई न किए जाने को लेकर फटकार भी लगाई. हाई कोर्ट ने कहा, लोगों से बातचीत कर हालात सामान्‍य करने की कोशिश हो. अफसरों को जल्‍द से जल्‍द प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए और दिल्‍ली सरकार को प्रभावित लोगों के लिए जल्‍द मुआवजे का ऐलान करना चाहिए.

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वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जज जस्टिस मुरलीधर (Justice Muralidhar) का तबादला कर दिया गया है. वे अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में पदासीन होंगे. केंद्र सरकार ने उनके ट्रांसफर को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह इत्‍तेफाक की बात है कि मंगलवार आधी रात को जस्‍टिस मुरलीधर ने दिल्‍ली हिंसा पर दायर याचिका की सुनवाई की थी और बुधवार को मोदी सरकार (Modi Sarkar) और दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) की जमकर खिंचाई की थी और रात में ही उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी हो गया. हालांकि पिछले 12 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की कॉलेजियम ने जस्‍टिस मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश की थी. उनके साथ दो और जजों जस्टिस रंजीत को बॉम्बे हाई कोर्ट से मेघालय और जस्टिस मलिमथ को कर्नाटक से उत्तराखंड हाई कोर्ट भेजा गया है.

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न्यायमूर्ति मुरलीधर दिल्ली उच्च न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. दिल्‍ली में हिंसा को लेकर अपने अंतिम कार्यदिवस पर न्यायमूर्ति मुरलीधर ने महत्वपूर्ण आदेश दिए थे. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई भी हुई थी. दिल्‍ली हाई कोर्ट के जज के रूप में उन्‍होंने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए. इसके अलावा उन्‍होंने यह भी आदेश दिया था कि भड़काऊ बयानबाजी पर तत्‍काल मुकदमा दर्ज किया जाए.

कड़ी टिप्‍पणी : एक और 1984 दिल्ली में नहीं होने देंगे

एक दिन पहले दिल्‍ली हिंसा को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि हम कोर्ट और पुलिस की निगरानी में दूसरे 1984 के दंगों की इजाज़त नहीं दे सकते. हमे बहुत बहुत ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है. कोर्ट ने कहा कि हमें आईबी के अफसर पर हमले की जानकारी मिली है. ये बेहद गंभीर है. इन चीज़ों पर बहुत ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है.

हेट स्पीच में FIR दर्ज हो : जस्‍टिस मुरलीधर

दिल्ली HC के जस्‍टिस मुरलीधर ने दिल्‍ली हिंसा पर सुनवाई के बाद भड़काऊ भाषण के मामले में तुंरत FIR दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने वहां मौजूद पुलिस अधिकारी से कहा कि वो हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी तत्काल पुलिस कमिश्नर को दें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमारा आदेश सिर्फ बीजेपी के 3 नेताओं के वीडियो तक सीमित नहीं है. हर हेट स्पीच के मामले में FIR दर्ज होनी चाहिए.

सितंबर 1984 में चेन्नई में अपनी कानून प्रैक्टिस शुरू करने वाले जस्‍टिस मुरलीधर 1987 में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित हुए. उन्हें 2006 में दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.