दिल्ली दंगे: ताहिर हुसैन समेत 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर, 3 अक्टूबर को अगली सुनवाई
दिल्ली दंगों में स्पेशल सेल की ओर से सोमवार को चार्जशीट कोर्ट में दायर की गई. 15 आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया.
नई दिल्ली :
दिल्ली दंगों में स्पेशल सेल की ओर से सोमवार को चार्जशीट कोर्ट में दायर की गई. 15 आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध कराने को कहा, 3 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
चार्जशीट की अहम बातें-
*कुल 17 हज़ार पेज की चार्जशीट और उससे जुड़े दस्तावेज कोर्ट में दाखिल किए गए है.
*ताहिर हुसैन समेत 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट है। चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ UAPA एक्ट की विभिन्न धाराओ, IPC और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं कर के मामला दर्ज.
*195 दिनों तक चली तफ्तीश के बाद पुलिस ने अभी तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 15 आरोपियों के खिलाफ आज चार्जशीट दायर की है. बाकी 6 के खिलाफ बाद में चार्जशीट दायर की जाएगी. इन 6 में उमर खालिद और शरजील इमाम शामिल है
*पुलिस ने 747 गवाहों के बयान दर्ज़ किये है. 74 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए है.
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*पुलिस का कहना है कि उसने चार्जशीट में कॉल डिटेल रिकॉर्ड, व्हाट्सएप्प चैट, डिजिटल सबूत को आधार बनाया है. दंगो की साजिश को व्हाट्सअप ग्रुप के जरिये अंजाम दिया गया. इसके लिए साजिशकर्ताओ ने बाकायदा व्हाट्सअप ग्रुप बनाये. चैट से साफ होता है कि साजिशकर्ता मौके पर मौजूद लोगो को समझा रहे थे. जाफराबाद और सीलमपुर के लिए भी व्हाट्सअप ग्रुप बनाये गए, जहां पर जमकर हिंसा हुई.
* चार्जशीट के मुताबिक 25 जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किये. ये कोई लोकतांत्रिक प्रदर्शन नहीं था. इसका मकसद ही हिंसा फैलाना था. वाट्सएप्प ग्रुप इसी के लिए बनाए गए. साजिशकर्ताओं ने वाट्सएप्प ग्रुप बनाये. प्रदर्शन में मौजूद लोग या तो इन व्हाट्सअप ग्रुप का हिस्सा थे या उनके इशारों पर काम कर रहे थे. कुछ व्हाट्सएप चैट को डिलीट भी किया गया, पर पुलिस ने उन्हें बरामद कर लिया. हरेक ग्रुप का साजिश में अपना रोल था. साजिशकर्ताओं ने जहां दंगों की पूरी प्लानिंग की, वही स्थानीय स्तर पर मध्यम किस्म के नेताओं ने मौके पर मौजूद लोगो के जरिये दंगों की साजिश को अंजाम दिया. वाट्सएप्प चैट का मकसद था- जगह का चयन,प्रदर्शनकरियो की भीड़ इकट्ठा करना और फिर हिंसा भड़काने तक ले जाना.
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*पुलिस का कहना है कि शुरुआत से ही ये प्रदर्शन लोकतांत्रिक नहीं था. चक्का जाम प्रदर्शन का कोई लोकतांत्रिक तरीका तो नहीं हो सकता.इसका मकसद ही हिंसा के लिए उकसाना था.