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CM अरविंद केजरीवाल की केंद्र से अपील- 12वीं की परीक्षा हो रद्द

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार (Center government) से 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने केंद्र से अपील की है कि परफॉर्मेंस के आधार पर आंकलन हो.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Jun 2021, 04:02:24 PM (IST)

highlights

  • दिल्ली के सीएम ने मोदी सरकार से की ये मांग
  • सीबीएसई के बच्चों का परफॉर्मेंस के आधार पर आंकलन हो
  • इसलिए रद्द होनी चाहिए 12वीं की परीक्षा 

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार (Center government) से 12वीं की परीक्षा (12th Exam) रद्द करने की मांग की है. मुख्यमंत्री केजरीवाल (CM Kejriwal) ने केंद्र से अपील की है कि परफॉर्मेंस के आधार पर आंकलन हो. उन्होंने कहा कि 12वीं की परीक्षा को लेकर बच्चे और पेरंट्स काफी चिंतित हैं. वे चाहते हैं कि बिना वैक्सीनेशन 12वीं की परीक्षा नहीं होनी चाहिए. मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि 12वीं की परीक्षा रद्द की जाए. पिछले परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें आंकलन किया जाए.

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आपको बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है. बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किए हैं. इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंगलवार की शाम को 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे. सभी राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के परिणामस्वरूप उन्हें सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया जाएगा. इसकी जानकारी सूत्रों ने दी है. 

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने न्यूज नेशन से Exclusive बातचीत में कहा कि बात सिर्फ दिल्ली के बच्चों की नहीं बल्कि देश के 1 करोड़ 40 लाख बच्चों की है जो 12वीं में हैं उन्हें 12वीं की परीक्षा के साथ-साथ जेल नीट जैसी परीक्षाएं दिलवाने की बात भी हो रही हैं. सवाल यह है कि जब देश में ढाई लाख रोजाना केस आ रहे हैं और हजारों लोगों की मौत हो रही है और कहा जा रहा है कि सर्वे में बच्चों पर ज्यादा खतरा है तो ऐसे में हम अपने बच्चों की सलामती से क्यों रिस्क ले परीक्षा लेने के तरीके और भी हैं अगर हमें परीक्षा लेना नहीं आ रहा तो यह बच्चों की गलती नहीं है हमें out-of-the-box सोचना होगा दुनिया के बहुत से देशों ने अलग तरीके अपनाए हैं हमें भी अपनाना चाहिए. इस पर 

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने न्यूज नेशन से बातचीत में कहा कि बच्चा बचेगा तो ही तो प्रोफेशनल एग्जाम दे पाएगा. यह एक्जाम सिस्टम की नाकामी है कि हमें एक ही तरीके एग्जाम लेना आता है. उसका भुगतान बच्चे क्यों भोंकते हैं. पहले राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर बच्चों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम बनाएं. 12वीं के बच्चों का लगा दे उसके बाद एग्जाम ले ले.