बिहार में एंबुलेंस घोटाला: 21 लाख में खरीदी गई 7 लाख की एंबुलेंस, जांच के आदेश

कोरोना से जंग के बीच बिहार के सीवान जिले से एंबुलेंस घोटाले का मामला सामने आया है. पूर्व मंत्री बिक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है.

कोरोना से जंग के बीच बिहार के सीवान जिले से एंबुलेंस घोटाले का मामला सामने आया है. पूर्व मंत्री बिक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है.

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Dalchand Kumar
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घोटाला: सीवान में 21 लाख में खरीदी गई 7 लाख की एंबुलेंस, जांच के आदेश( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने बीते दिनों देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी. तमाम इंतजामों और दावों के बावजूद लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पाईं. इसके लिए वह दर दर की ठोकरें खाते रहे. अमूमन बिहार में भी ऐसे ही हालात देखे गए. दूसरी लहर के दौरान राज्य में मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस भी कम पड़ गईं थी. मगर अब कोरोना से जंग के बीच बिहार के सीवान जिले से एंबुलेंस घोटाले का मामला सामने आया है. पूर्व मंत्री बिक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है.

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बिक्रम कुमार ने घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि 7 से 8 लाख की एंबुलेंस 21 से 22 लाख में खरीदी गई है. इसको लेकर पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी भी लिखी है और मामले की जांच कराने की मांग की है. पूर्व मंत्री बिक्रम कुंवर ने आरोप लगाए हैं कि ये एम्बुलेंस GEM पोर्टल से खरीदारी करने के बजाय किसी अन्य संस्था के द्वारा खरीदी गई हैं. वही एंबुलेंस और अन्य सामान जो एम्बुलेंस में लगता है, उसका ज्यादा मूल्य बढ़ाकर लिखा गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है.

उधर, घोटाले का खुलासा होने के बाद सीवान के जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने जांच टीम का  गठन किया है. जिलाधिकारी ने ये भी कहा है कि कोविड 19 को ध्यान में रखकर स्टूमेंट्स और एम्बुलेंस का क्रय किया गया है, जिस कारण एम्बुलेंस की मूल्य बढ़ी है. जांच के बाद मामला सामने आएगा. आपको यह भी बता दें कि ये आरोप पिछले साल खरीदे गए 21 एम्बुलेंस को लेकर हैं, जो एक खास ट्रेडिंग एजेंसी से खरीदे गए हैं. जिसमें एमएलसी टुन्नाजी पांडे की मदद से 17 और दो दो एम्बुलेंस दूसरे दो माननीय के फंड से खरीदे गए.

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खरीदने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अंतर्गत डीपीओ (DPO) यानी डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग ऑफिसर (District planning officer) की होती है. जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमिटी बनाकर इसके जांच के आदेश दिए हैं. आपको यह भी बता दें कि सीवान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का गृह जिला भी है.

  • सीवान में एंबुलेंस घोटाले का खुलासा
  • पूर्व मंत्री बिक्रम कुंवर ने लगाए आरोप
  • जांच के लिए CM नीतीश को लिखा खत
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