.

मधुबनी: SDO का आदेश नहीं मानते जिला कृषि पदाधिकारी, होटल में खाद मिलने के मामले में नहीं शुरू की जांच

एसडीओ के नेतृत्व में छापेमारी की गई थी और कुल तीन होटल में बने गोदाम को शील कर मजिस्ट्रेट की तैनाती करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी को जाँच की जिम्मेदारी दे दी गयी.

05 Dec 2022, 06:12:59 PM (IST)

highlights

. SDO ने दिया था कृषि पदाधिकारी को जांच का आदेश

. 5 दिन बीतने के बाद भी नहीं शुरू हुई जांच

. तीन होटल में मिले थे हजारों बोरी खाद

. SDPO ने गुप्त सूचना पर की थी छापेमारी

Madhubani:

मधुबनी जिला कृषि पदाधिकारी और खाद माफियाओं के बीच सांठगांठ अप्रत्यक्ष तौर पर उजागर हो चुका है. दरअसल, जिले के किसानों को एक तरफ खाद नहीं मिल रही है तो दूसरी तरफ होटलों में खाद का अवैध गोदाम बनाकर खाद की कालाबाजारी की जा रही है. खाद के लिए मचे हाहाकार के बीच 5 दिन पहले सदर एसडीओ ने खाद सिंडिकेट के गोदामों पर छापेमारी की थी. गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी के दौरान ती होटलों में भारी मात्रा में खाद बरामद की गई थी. एसडीओ के नेतृत्व में छापेमारी की गई थी और कुल तीन होटल में बने गोदाम को सील कर मजिस्ट्रेट की तैनाती करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी को जाँच की जिम्मेदारी दी लेकिन कृषि पदाधिकारी ने इतने संगीन मामले में जांच की शुरुआत तक नहीं की है.

5 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं शुरू हुई जांच

अब कृषि पदाधिकारी शीर्ष अधिकारियों के आदेशों का किस तरह से पालन करते हैं उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पांच-पांच दिन जांच का आदेश दिए हो चुके हैं लेकिन कृषि पदाधिकारी द्वारा अभी तक जांच नहीं शुरू की गई है. इतना ही नहीं अबतक ये भी नहीं स्पष्ट हो पाया है कि होटलों में मिले खाद की बोरियों की संख्या कितनी है या फिर ये भी कहना सही होगा कि हजारों बोरी खाद को लेकर कृषि अधिकारी के द्वारा शीर्ष अधिकारियों से मिले जांच के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इसे भी पढ़ें-कृषि विभाग पर उठा सवाल, होटल बना किसानों के खाद्य का गोदाम

पहले भी हुई थी छापेमारी

सदर एसडीओ के मुताबिक, एक साल पहले भी छापेमारी की गई थी लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी के इसी रवैया के कारण खाद सिंडिकेट ने सील किये गए ताला को  तोड़कर सभी खाद लेकर फरार हो गया था। 

जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय से मिले नदाद

इस मामले में जब जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क साधने के प्रयास किया तो उनका  सीयूजी नंबर लगातार बंद आता रहा. न्यूज स्टेट की टीम जब जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय पहुंची तो वो अपने कार्यालय में भी नहीं मिले. ऐसे में सवाल ये है कि पांच दिन पूर्व हुए छापेमारी में अब तक जांच क्यों नहीं शुरू की गई. जहां किसानों के बीच  खाद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जिले के किसानों में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ हैं . वहीं, हजारो बोरी खाद को गोदामो में अब तक बंद कर क्यो रखा गया है?

रिपोर्ट: प्रशांत झा