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कृषि विभाग पर उठा सवाल, होटल बना किसानों के खाद्य का गोदाम

गेंहू की बोआई के लिए किसानों को खाद नहीं मिल रहा है और ट्रेडर्स ने हजारों बोरे खाद्य के होटल में छिपाकर रखा था. वहीं, किसानों का कहना है कि कृषि विभाग के आला अधिकारी के मिली भगत के बिना ये संभव कैसे हो सकता है.

Updated on: 05 Dec 2022, 11:24 AM

Madhubani:

किसानों को खेती के लिए बीज नहीं मिल रहा एक तरफ किसानों के बीच खाद्य के लिए हाहाकार मच रहा है. धान की फसल में किसान पहले ही प्रकृति की मार झेल रहे हैं. वहीं, गेंहू की बोआई के लिए किसानों को खाद नहीं मिल रहा है और ट्रेडर्स ने हजारों बोरे खाद्य के होटल में छिपाकर रखा था. वहीं, किसानों का कहना है कि कृषि विभाग के आला अधिकारी के मिली भगत के बिना ये संभव कैसे हो सकता है.

मधुबनी के गोकुल राज होटल का ये पूरा मामला है. मधुबनी के होटल में खाद मिलना कोई बड़ी बात नही हैं. इससे एक साल पहले भी तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा की गई छापेमारी में उसी होटल से खाद्य , बीज और कीटनाशक का जखीरा मिला था. दुकान के लाइसेंस को निलंबित कर दुकान के मालिक के ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी. हालांकि प्राथमिकी भी महज एक खाना पूर्ति बन कर रह गयी थी. लेकिन एक बार फिर उसी जगह पर वर्तमान सदर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा छापेमारी की गई जिसमें खाद, बीज और कीटनाशक  मिला है जो इस बात को दर्शाता है कि जरूर इसमें कृषि विभाग के अधिकारीयों की मिलीभगत है. बिना कृषि विभाग के अधिकारीयों के मिलीभगत के ये संभव नहीं हो सकता है. 

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हालांकि, इस बार भी किये गए छापेमारी में भी दुकानदार के खिलाफ एक औपचारिक प्राथमिकी राजनगर थाना में दर्ज करा दी गयी है. जिसमें तीन लोगों को राजनगर कृषि पदाधिकारी के द्वारा नामजद भी बनाया गया है. रंजीत कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है. लेकिन एक बड़ा सवाल सीधा जिला कृषि अधिकारी पर खड़ा हो रहा है. छापेमारी के पांच दिन बीत जाने के बाद भी इसी दुकानदार के अन्य गोदामों पर रखे खाद, बीज, कीटनाशक की विभाग अभी तक गिनती करने में ही लगा हुआ है. जिसमें कथित रूप से नकली खाद बीज और कीटनाशक का जखीरा भी मिला हुआ है. 

रिपोर्ट - प्रशांत झा