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लॉकडाउन में फंसे छात्रों में बीजेपी को दिखा वोटबैंक, बोली- सरकार बुलाए, वरना 5 लाख मत होंगे प्रभावित

बीजेपी के एमएलसी और पूर्व मंत्री संजय पासवान का कहना है कि राज्य से बाहर फंसे छात्रों को वापस लाना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है, इससे हमें राजनीतिक नुकसान हो रहा है.

Dalchand | Edited By :
29 Apr 2020, 04:28:57 PM (IST)

पटना:

कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) में फंसे हजारों छात्रों के मुद्दे पर बिहार में राजनीति तेज है. विपक्ष लगातार छात्रों को वापस बुलाने की मांग को लेकर बिहार सरकार पर हमलावर है. इस बीच सत्ता में साझीदार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भी अपने वोटबैंक की चिंता सताने लगी है. बीजेपी के एमएलसी और पूर्व मंत्री संजय पासवान का कहना है कि राज्य से बाहर फंसे छात्रों को वापस लाना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है, इससे हमें राजनीतिक नुकसान हो रहा है.

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संजय पासवान ने कहा, 'हमारे बच्चों को वापस लाना सीएम का कर्तव्य है. इससे हमें राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है. उसे 3 मई से पहले सभी बच्चों को लाना चाहिए. इस वर्ष चुनाव होने वाले हैं. लगभग सभी मध्यम वर्गीय परिवारों में कम से कम 1 बच्चा कोटा में पढ़ता है.'

बीजेपी एमएलसी पासवान ने आगे कहा, 'बच्चों की संख्या केवल 1000 हो सकती है, लेकिन 1 लाख परिवार इससे प्रभावित होते हैं, इन बच्चों के प्रति उनकी सहानुभूति है. यदि 1 लाख परिवारों में 5 मतदाता हैं तो 5 लाख मत प्रभावित होंगे. इसलिए मैं मुख्यमंत्री से कोटा और पुणे से हमारे बच्चों को वापस लाने का अनुरोध करता हूं.'

No. of children may only be 1000 but 1 Lakh families are affected due to it, they have sympathy for these children. If 1 Lakh families have 5 voters each, 5 Lakh votes will be affected. So I request the CM to bring back our children from Kota & Pune: Sanjay Paswan, BJP MLC #Bihar https://t.co/UXSlQF0UhT

— ANI (@ANI) April 29, 2020

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गौरतलब है कि देशभर में लॉकडाउन लागू और सभी तरह की परिवहन सेवाएं बंद होने से लोग जहां हैं, वहीं फंसकर रह गए हैं. देश के कई राज्यों में बिहार के प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं तो कोटा और पुणे में भी बिहार के हजारों छात्र फंसे हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार के इन मजदूरों और छात्रों को वापस लाने की मांग कर रहा है.

यहां सबसे अहम बात यह है कि बिहार में आने वाले समय में विधानसभा के चुनाव होने हैं और लॉकडाउन की वजह से नेता सीधे जनता के बीच नहीं पहुंच रहे हैं. इसलिए विपक्षी दलों के नेता लगातार सोशल मीडिया जरिए प्रवासी मजदूरों और छात्रों के मुद्दे अपना चुनावी हथियार बना रहे हैं. इस बीच बीजेपी नेता के इस बयान ने राज्य की सियासत को और गरमा दिया है.

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