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कुढ़नी में हार के बाद अनिल सहानी का फूटा गुस्सा, नीतीश कुमार से कर दी इस्तीफे की मांग

पूर्व विधायक अनिल सहानी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस हार का जिम्मेदार केवल सीएम नीतीश कुमार को बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जबरदस्ती अतिपिछड़ों के हक को छिना है और अपने सिंडीकेट के लोगों को टिकट दिया जिसका परिणाम ये हार है.

09 Dec 2022, 01:18:38 PM (IST)

Patna:

कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन की हार के बाद से ही बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. जहां बीजेपी इसे 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़ रही है वहीं, ये भी कह रही है कि बिहार की जनता ने फैसला कर दिया है. हार को लेकर आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहानी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस हार का जिम्मेदार केवल सीएम नीतीश कुमार को बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जबरदस्ती अतिपिछड़ों के हक को छिना है और अपने सिंडीकेट के लोगों को टिकट दिया जिसका परिणाम ये हार है. आपको बता दें कि अनिल सहानी पहले कुढ़नी सीट से विधायक थे. कोर्ट ने एलटीसी घोटाले मामले में उन्हें दोषी ठहराया था. उन्होंने राज्यसभा के साथ 23.71 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी. इस मामले में 3 साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई थी. 

अनिल सहनी ने कहा कि कि ये हार महागठबंधन की नहीं बल्कि नीतीश कुमार है. जो सीट आरजेडी ने जीती हुई थी उस सीट का त्याग आरजेडी ने किया और इस सीट को JDU को दे दी गई. अगर यही त्याग भावना नीतीश जी में है तो नैतिकता से इस्तीफा दे और तेजस्वी यादव को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री बना दें. अतिपिछड़ों की सीट को जबरन लिया गया है. क्या उन के पास कोई भी अतिपिछड़ा उम्मीदवार नहीं था. सिंडीकेट के आधार पर नेता चुनते हैं वो पर जनता सब देखती है. जिसका परिणाम ये हुआ कि हम आज ये सीट हार गए. उनके इस बयान ने महागठबंधन में खलबली ला दी है.

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वहीं, दूसरी तरफ सिंगापुर से दिल्ली लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि  'मैं तो फ्लाइट में था मुझे अभी जानकारी मिली है, लेकिन इस हार में ज्यादा वोटों का फासला नहीं है. केवल 3000 वोट से हम हारे हैं. गोपालगंज में भी ऐसा ही हुआ था बस 1700 वोट से हार गए थे, यानि बहुत कम वोट से हम हारे हैं. जिस पर हम ध्यान देंगे कि कहा गलती हो रही है. वहीं, उन्होंने बीजेपी को लेकर कहा कि अभी बीजेपी को बोलने दीजिये उनका तो बोलने का काम है, लेकिन उन्हें चिंता होनी चाहिए कि सिर्फ कुढ़नी के रिजल्ट से वे कुछ भी तय नहीं कर सकते हैं. मोकामा के चुनाव में तो उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला था.