बिहार में सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच नीतीश कुमार बोले- कोई सियासी संकट नहीं
अरुणाचल के घटनाक्रम के बाद बीजेपी और जदयू में भी अंदरूनी टकरार दिखाई देने लगी थी. मगर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारी अटकलों के बीच एक बड़ा बयान दिया है.
पटना:
अरुणाचल प्रदेश में जली चिंगारी से बिहार की राजनीति में सुलग उठी और सत्ता परिवर्तन की अटकलों ने जोर पकड़ लिया. इन्हें तब और हवा मिल गई जब राजद नेताओं ने जदयू के विधायकों के पार्टी के संपर्क में होने की बात कह डाली. अरुणाचल के घटनाक्रम के बाद बीजेपी और जदयू में भी अंदरूनी टकरार दिखाई देने लगी थी. मगर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारी अटकलों के बीच एक बड़ा बयान दिया है.
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2021 की शुरुआत के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उनके सामने किसी भी तरह का कोई राजनीतिक संकट नहीं है. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक. नीतीश के बाहर निकलने पर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या नए साल में उनके सामने कोई सियासी संकट है, इस पर सीएम नीतीश ने कहा कि नहीं-नहीं कोई संकट नहीं है.
बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच नीतीश कुमार का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि राजद की ओर से लगातार नए साल में बिहार के अंदर सत्ता परिवर्तन होने का दावा किया जा रहा है. हाल ही में कई राजद नेताओं ने भविष्यवाणी की थी कि 14 जनवरी के बाद बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और महागठबंधन सत्ता में आ सकता है. इतना ही नहीं, राजद की ओर से मुख्यमंत्री को भी ऑफर दिया गया है.
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राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने नीतीश को ऑफर दिया था कि उन्हें तेजस्वी यादव को नयी सरकार बनाने में मदद करना चाहिए । 2024 में राजद उनके एहसान का बदला चुकाते हुए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनका साथ देगा. ये भी याद रहे कि उदय नारायण चौधरी कुछ साल पहले तक नीतीश के विश्वासपात्र रहे थे. इसके बाद श्याम रजक ने राजग में तनाव का फायदा उठाने का प्रयास करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के 15 विधायक उनका साथ छोड़ कर राजद में आने को तैयार हैं.