.

विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप: खेल मंत्री ने मेडल जीतने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को बांटे 1 करोड़ 82 लाख रुपये

स्वर्ण पदक विजेता को 20 लाख, रजत पदक विजेताओं को 14 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को आठ लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.

28 Aug 2019, 09:22:42 AM (IST)

नई दिल्ली:

खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के बीच 1.82 करोड़ रुपये की इनामी राशि वितरित की है. इससे पहले पैरा-एथलीटों के लिए नीति में संशोधन किया गया, जिससे उन्हें पुरस्कार के तौर पर अधिक नकद राशि मिल सके. संशोधित नीति के निर्देश के मुताबिक वैश्विक प्रतियोगिताओं के विजेता सरकार से नकद राशि के हकदार होंगे. यह पुरस्कार राशि वैसे खिलाड़ियों को मिलेगा, जो अंतरराष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति या अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति या उन से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ के आयोजन में पदक जीतेगा.

ये भी पढ़ें- 83 साल के बूढ़े पर यूं फिदा हुई 56 साल छोटी लड़की, एक महीने के अंदर कर ली शादी

इसके साथ ही एक फैसला ये भी लिया गया है कि पदक विजेताओं को प्रतियोगिता के बाद देश लौटने के दिन ही पुरस्कार दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें साल में एक बार होने वाले कार्यक्रम का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. नियमों में संशोधन के बाद इसका पहला फायदा पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों को मिला. हाल ही में स्विट्जरलैंड के बासेल में हुए विश्व चैंपियनशिप में भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने 12 पदक जीते थे. आईपीसी पैरा-बैडमिंटन प्रतियोगिताओं को मान्यता नहीं देता है और इस संशोधन से पहले ये खिलाड़ी ऐसे नकद पुरस्कार के पात्र नहीं थे.

ये भी पढ़ें- Uber कैब ड्राइवर ने लड़की को दिया था मसाज का ऑफर, उससे पहले कर चुका था ये घिनौना कांड

पदक विजेता भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) परिसर में खेल मंत्री से दोपहर के भोजन पर मिले जहां उन्हें चेक सौंपे गए. स्वर्ण पदक विजेता को 20 लाख, रजत पदक विजेताओं को 14 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को आठ लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया. युगल स्पर्धाओं में स्वर्ण जीतने वालों को 15 लाख, रजत जीतने वालों को 10.5 लाख और कांस्य पदक जीतने वालों को छह लाख रुपये के पुरस्कार दिए गए. रिजिजू ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चहते है कि सरकार से सभी खिलाड़ियों को एक समान सुविधा मिले. पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और देश को गौरवान्वित किया, वे कड़ी मेहनत के लिए पुरस्कार के पात्र हैं.’