Uttarakhand Glacier Burst : ऋषभ पंत आए आगे, किया मदद का ऐलान, पढ़िए रिपोर्ट
उत्तराखंड के चमोली में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने और बादल फटने की वजह से कई इलाकों में तबाही आ गई है. इस बीच उत्तराखंड संकट से जूझ रहा है, देशभर के लोग वहां के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहे है. ऋषभ पंत भी मदद के लिए आगे आए हैं.
नई दिल्ली :
उत्तराखंड के चमोली में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने और बादल फटने की वजह से कई इलाकों में तबाही आ गई है. इस बीच उत्तराखंड संकट से जूझ रहा है, देशभर के लोग वहां के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहे है. अब भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने भी पीड़ितों की मदद का ऐलान किया है. ऋषभ पंत उत्तराखंड के ही रहने वाले हैं. रविवार को जिस वक्त हादसे की खबर सामने आई, तब ऋषभ पंत भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट के लिए मैदान पर थे. इसके बाद जैसे ही ऋषभ पंत को ये खबर मिली, उन्हों तत्काल ट्वीट कर मदद का ऐलान किया. ऋषभ पंत ने ट्वीट में लिखा कि उत्तराखंड में लोगों की जान जाने से गहरा दुख पहुंचा है. मैंने अपनी मैच फीस बचाव कार्य में देने का फैसला किया है और लोगों से भी मदद की अपील करता हूं. अभी तक की जो खबर सामने आई है, उसमें अब तक 15 लोगों के शव बरामद हो गए हैं, बाकी बचाव और राहत का काम चल रहा है.
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इस बीच आपको बता दें कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि त्रासदी में अभी तक 100 से 150 लोगों तक के मारे जाने की आशंका है. तबाही में कई लोगों के बहने की खबरें आ रही हैं. इसके अलावा इस तबाही में भारी आर्थिक नुकसान की भी आशंका जताई जा रही है. जोशीमठ से आगे ग्लेशियर टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार आपदा प्रबंधन और चमोली के जिलाधिकारी से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं.
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चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सचेत कर दिया गया है. लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों से दूरी बनाकर रखें. ग्लेशियर टूटने के बाद सभी संबंधित जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है. चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं. प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे गंगा नदी के किनारे न जाएं. खबरों के मुताबिक ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रभावित इलाकों में SDRF की कई टीमें पहुंच चुकी हैं. राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है. ग्लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई है. बांध टूटने की वजह से नदियों के किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है. ITBP के 200 से भी ज्यादा जवानों को राहत और बचाव कार्य में लगा दिया गया है.
My sincere condolences and prayers for the families of those affected by the Uttarakhand flash floods. I hope that the rescue operations underway are able to help those in trouble.
— Rishabh Pant (@RishabhPant17) February 7, 2021यह भी पढ़ें : INDvsENG : टीम इंडिया पर मंडराया फॉलोआन का खतरा, जानिए कितने रन चाहिए
उत्तराखंड के गृह मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं. देहरादून से एनडीआरएफ की 3 टीमों को भेजा गया है. इनके अलावा 3 अन्य टीमें हेलिकॉप्टर की मदद से शाम तक पहुंच जाएंगी. एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन पहले से ही मौके पर मौजूद है. ताजा जानकारी के मुताबिक अभी तक 55 से भी ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है, इसके अलावा कई घरों के भी बहने की खबरें आ रही हैं. भागीरथी नदी के बहाव को रोक दिया गया है. अलकनंदा के पानी के प्रवाह को रोकने के लिए श्रीनगर बांध और ऋषिकेश बांध को खाली कर दिया गया है. गंगा नदी के तट पर मौजूद सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. नदियों के जल स्तर की चौबीसों घंटों निगरानी के भी आदेश दिए गए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड कंपनी को उच्चतम अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.