टीम में होते हुए भी इन खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रही जगह
भारत और श्रीलंका (India vs Sri Lanka) के बीच तीन T20 मैचों की सीरीज शुरू हो चुकी है. हालांकि सीरीज का पहला ही मैच बारिश के कारण रद कर द दिया गया है. अब दोनों टीमें कल यानी सात जनवरी को इंदौर में खेला जाएगा.
नई दिल्ली:
भारत और श्रीलंका (India vs Sri Lanka) के बीच तीन T20 मैचों की सीरीज शुरू हो चुकी है. हालांकि सीरीज का पहला ही मैच बारिश के कारण रद कर द दिया गया है. अब दोनों टीमें कल यानी सात जनवरी को इंदौर में खेला जाएगा. इसके बाद सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच दस जनवरी को पुणे में होगा. लेकिन बात आज इसकी नहीं, बल्कि कुछ और करने की है. आज उन खिलाड़ियों की बात जो टीम में तो हैं, लेकिन वे टीम में अपनी जगह नहीं बना पा रहे हैं. एक खिलाड़ी तो पिछले लगातार सात मैचों में टीम के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन अब तब उस खिलाड़ी को मौका नहीं मिल पाया है. हम बात कर रहे हैं मनीष पांडे (Manish Pandey) और संजू सैमसन (Sanju Samson) की. जो टीम में तो हैं, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है. वहीं बहुत सारे खिलाड़ी ऐसे हैं जो लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, इसके बाद भी वे टीम में जगह बना ले रहे हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ही हैं.
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भारत श्रीलंका टीम के बीच रविवार को जो मैच था, उसमें उम्मीद की जा रही थी कि कम से मनीष पांडे और संजू सैमसन में से किसी एक खिलाड़ी को तो मौका मिलेगा ही, लेकिन जब कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतने के बाद टीम बताई तो उसमें न तो मनीष पांडे का नाम था और न ही संजू सैमसन का. इससे दोनों के फैंस में निराशा छा गई. ट्वीटर पर बीसीसीआई के ऑफिशियल ट्वीटर एकाउंट पर जब टीम शेयर की गई तो लोगों को गुस्सा फूट पड़ा. सभी यही जानना चाह रहे थे कि इन दोनों को टीम में रखने के बाद भी खिलाया क्यों नहीं जा रहा है. संजू सैमसन तो ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जो लगातार सात मैचों से टीम में हैं, लेकिन उन्हें मौका ही नहीं दिया जा रहा है कि वे अपनी बल्लेबाजी और विकेटकीपरिंग के जलवे दिखा सकें.
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संजू सैमसन और मनीष पांडे तो ऐसे बल्लेबाज हैं जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन भी कर चुके हैं. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कर्नाटक ने आखिरी गेंद पर तमिलनाडु को मात्र एक रन से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया था. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कर्नाटक अपने खिताब को बचाने में कामयाब हो गई इससे पहले कभी भी एक टीम ने दो बार ट्रॉफी नहीं जीती. साथ ही एक महीने पहले ही विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली कर्नाटक पहली ऐसी टीम भी बन गई है, जिसने एक ही सीजन में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में भी कर्नाटक ने तमिलनाडु को ही हराया था. इस मैच में कर्नाटक के लिए कप्तान मनीष पांडे ने 45 गेंदों पर चार चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 60 रन की सर्वाधिक पारी खेली. वे ही जीत के असल नायक रहे. इसके बाद उनकी शादी थी और शादी के तुरंत बाद वे टीम से जुड़ गए, लेकिन कभी कभार उन्हें फील्डिंग करने के लिए मैदान में उतारा जाता है, लेकिन बल्लेबाजी के लिए कभी नहीं. जबकि सभी जानते हैं कि मनीष पांडे आज की तारीख में टीम इंडिया के सबसे शानदार फील्डर हैं. टीम इंडिया का कोई मैंबर अगर उन्हें टक्कर दे सकता है तो वह सिर्फ रवींद्र जडेजा ही हैं.
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वहीं बात अगर संजू सैमसन की करें तो उन्होंने भी पिछले दिनों अच्छा प्रदर्शन किया था. कम से कम ऋषभ पंत से तो बेहतर बल्लेबाज वे हैं ही, ऐसे में उन्हें आजमाया जा सकता है. इससे पहले लगातार दो सीरीज गुजर चुकी हैं, जिसमें संजू सैमसन टीम में तो शामिल थे, लेकिन उन्हें अंतिम ग्यारह में शामिल होने का मौका नहीं मिल सका. बांग्लादेश सीरीज में भी संजू सैमसन को शामिल किया गया था, लेकिन एक भी मैच उन्हें नहीं खिलाया गया. मजे की बात यह रही कि बिना मैच खिलाए ही अगली सीरीज से उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. चयनकर्ताओं के इस फैसले की कड़ी आलोचना भी हुई. इसी बीच खबर आई कि सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की चोट ठीक नहीं हुई है और इसके बाद आनन फानन में संजू सैमसन को टीम में भर्ती कर लिया गया. वेस्टइंडीज सीरीज में उम्मीद थी कि तीन मैचों में तो कम से कम एक मैच में तो उन्हें मौका दिया ही जाएगा. एक मैच तो उनके अपने घरेलू मैदान यानी त्रिवेंद्रम में भी खेला गया, लेकिन उस मैच में भी उन्हें नहीं खिलाया गया. अब श्रीलंका सीरीज के लिए भी संजू सैमसन का चयन तो किया गया, लेकिन पहले ही मैच में उन्हें टीम में नहीं रखा गया, अब बहुत कम ही संभावना है कि वे बाकी बचे हुए दो मैचों में भी खेलते हुए दिखाई दें.