.

रेलवे ने घटाई माननीयों की 'इज्जत', नियमों में किया ये बदलाव

इज्जत एमएसटी योजना का लाभ उठाने वालों के लिए यह खबर दुखद है. क्योंकि धांधली की शिकायतों को देखते हुए अब रेलवे इसका रेट बढ़ाने के साथ ही इसके रूल्स में चेंज करने पर विचार कर रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
14 Nov 2021, 07:30:00 AM (IST)

highlights

  • इज्जत एमएसटी के लिए अब जनप्रतिनिधियों से प्रमाणित कराने की नहीं होगी जरुतविभिन्न सरकारी अधिकारियों से प्रमाणित करने पर ही मिल सकेगा पास 
  • धांधली रोकने के लिए रेलवे ने उठाया ये कदम 

नई दिल्ली :

इज्जत एमएसटी योजना का लाभ उठाने वालों के लिए यह खबर दुखद है. क्योंकि धांधली की शिकायतों को देखते हुए अब रेलवे इसका रेट बढ़ाने के साथ ही इसके रूल्स में चेंज करने पर विचार कर रहा है. अब सिर्फ जनप्रतिनिधियों की प्रमाणिकता पर आपको इज्जत मासिक टिकट नहीं मिलेगा. क्योंकि इज्जत मासिक टिकट के नियमों में बदलाव किया गया है. जानकारी के मुताबिक अब पैसेंजर्स को आवेदन फॉर्म के साथ खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार व उप जिलाधिकारी द्वारा प्रमाणित आय प्रमाणपत्र भी संलग्न करना होगा. सिर्फ जनप्रतिनिधियों द्वारा जारी सर्टिफिकेट के आधार पर इज्जत एमएसटी नहीं मिलेगी. दूसरी ओर धांधली को देखते हुए रेट भी बढ़ाए जाने की खबर है.

यह भी पढें :15 दिसंबर को इन किसानों के खाते में आएगा इतना पैसा, PM किसान सम्मान निधि धनराशि हुई दोगुनी

आपको बता दें कि इज्जत एमएसटी ऐसे मजदूर व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए है, जिनकी मासिक आय 2500 रुपए से अधिक न हो. ऐसे सभी लोगों के लिए रेल एडमिनिस्ट्रेशन इज्जत मासिक टिकट जारी करता है. इसके लिए उन्हें आवेदन फॉर्म के साथ आय प्रमाण पत्र जारी करना होता है. किराए के रूप में रेलवे उनसे सिर्फ 25 रुपए ही लेता है. यह टिकट सभी पैसेंजर ट्रेनों में केवल द्वितीय श्रेणी तथा उन एक्सप्रेस सुपरफास्ट ट्रेनों में जिनकी दूरी 150 किलोमीटर से ज्यादा न हो. ये दूरी पहले महज 100 किमी ही थी.

ऐसे मिलता था टिकट
इज्जत मासिक टिकट के लिए पात्र व्यक्ति को अपने क्षेत्र के सांसद से लेटर पैड पर लिखवाना पड़ता था. साथ ही लेटर पैड के साथ संबंधित व्यक्ति का आय प्रमाणपत्र भी संलग्न होता था, जिसके आधार पर रेलवे व्यक्ति को वास्तव में पात्र मान लेता था और एमएसटी जारी कर देता था. यानि जिस व्यक्ति को जनप्रतिनिधियों ने पात्र मान लिया उसे इज्जत एमएसटी मिलना तय होता था. योजना में लगातार बढ़ रही धांधली को रोकने के लिए रेलवे ने इज्जत मासिक सीजन टिकट योजना को गंभीरता से लिया है. अब इसमें धोखाधड़ी नहीं चलने वाली है. आवेदन फार्म के साथ आवास प्रमाणपत्र की छाया प्रति भी लगानी होगी. आवेदकों को मतदाता पहचानपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली के बिल आदि की छाया प्रति के बाद संबंधित एसडीएम, बीडीओ, या तहसीलदार से सभी कागजातों को प्रमाणित कराने के बाद ही इज्जत एमएसटी जारी की जाएगी. यानि कि अब इज्जत के लिए किसी माननीय के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.