Kamika Ekadashi 2022 Mantra and Vrat Benefits: कामिका एकादशी के दिन रखे गए व्रत के साथ इन मन्त्रों का जाप कर देता है आपके अखंड फल को सिद्ध
Kamika Ekadashi 2022 Mantra and Vrat Benefits: कामिका एकादशी का एक और नाम पवित्रा एकादशी भी है. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की पूजा होती है. जो भी जातक कामिका एकादशी का व्रत रखता है उसे पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है.
नई दिल्ली :
Kamika Ekadashi 2022 Mantra and Vrat Benefits: कामिका एकादशी का एक और नाम पवित्रा एकादशी भी है. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की पूजा होती है. यह एकादशी इस मायने से भी विशेष है क्योंकि यह सावन के पवित्र महीने में पड़ती है. इसके अलावा जो भी जातक कामिका एकादशी का व्रत रखता है उसे पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है. कामिका एकादशी व्रत रविवार 24 जुलाई को है. पंचांग के अनुसार सावन कृष्ण एकादशी तिथि 23 जुलाई 2022, दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी.
कामिका एकादशी व्रत के लाभ (Kamika Ekadashi 2022 Vrat Benefits)
कहा जाता है कि कामिका एकादशी व्रत करने से सभी तीर्थों में स्नान के समान ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इससे पापों का नाश होता है और ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिलती है. भगवान विष्णु की कृपा से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
कामिका एकादशी के खास मंत्र (Kamika Ekadashi 2022 Mantra)
धर्म ग्रंथों के अनुसार पाप कर्मों से छुटकारा पाने के लिए एकादशी के व्रत से बढ़कर कुछ नहीं. जो व्यक्ति कामिका एकादशी का व्रत करता है उसका जन्म कभी कुयोनि में नहीं होता. मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के मंत्र का जाप किए बिना पूरा नहीं माना जाता. धन में वृद्धि और कष्टों से मुक्ति के लिए इस दिन श्रीहरि की पूजा के दौरान इन मंत्रा का उच्चारण करें.
- धन लाभ के लिए
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
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- विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ विष्णवे नम:।।
- आर्थिक संकट से बचने के लिए
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
- विष्णु के पंचरूप मंत्र: समस्त पाप से मुक्ति के लिए
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।