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गुजरात चुनाव: गिर नेशनल पार्क से सफेद रेगिस्तान तक, ये हैं बेस्ट टूरिस्ट प्लेस

News Nation Bureau New Delhi 12 December 2017, 09:54:30 AM
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फाइल फोटो

भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात को 'पश्चिम का जेवर' भी कहते हैं। भारत के सबसे औद्योगिक और समृद्ध राज्य में आज भी सदियों पुरानी परंपराओं को निभाया जाता है। यह शहर देश का सबसे बड़ा टूरिस्ट हब है। यहां सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व और असंख्य आकर्षक पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे। गुजरात में गिर फॉरेस्ट नेशनल पार्क, कच्छ बर्ड सेंचुरी, सोमनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, सफेद रेगिस्तान, मरीन नेशनल पार्क, सूर्य मंदिर, विजय विलास पैलेस समेत कई ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं, जहां आप घूम सकते हैं।

गिर फॉरेस्ट नेशनल पार्क (फाइल फोटो)

गिर वन्यजीव नेशनल पार्क शेरों के लिए मशहूर है। इसके अलावा यहां जीव-जन्तुओं की प्रजातियां मिलती है। दक्षिणी अफ्रीका के अलावा विश्व का यही ऐसा एकलौता स्थान है, जहां शेरों को अपने प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है। दर्शकों के लिए यह पार्क अक्टूबर महीने से लेकर मध्य जून तक खोला जाता है, लेकिन मॉनसून के मौसम में इसे बंद कर दिया जाता है।

गुजरात का मोढ़ेरा सूर्य मंदिर (फाइल फोटो)

मोढ़ेरा का सूर्य मंदिर भव्य और खूबसूरत है और देशभर में प्रसिद्ध है। यह शिल्पकला का अद्भुत उदाहर है। इस मंदिर की खासियत यह है कि पूरे मंदिर के निर्माण में जुड़ाई के लिए चूने का उपयोग नहीं किया गया है। इसका निर्माण इस प्रकार किया गया था, जिसमें सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह पर पड़े। वर्तमान में यह भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है।

कच्छ बर्ड सेंचुरी (फाइल फोटो)

कच्छ बर्ड सेंचुरी भारत की सबसे बड़ी बर्ड सेंचुरी है। यहां पर पक्षियों को ढेरों प्रजातियां देखने को मिलेगी। अगर आपको प्रकृति से बेहद प्यार है तो एक बार इस जगह पर जरूर जाएं।

सोमनाथ मंदिर (फाइल फोटो)

यह मंदिर अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक है। इस मंदिर को आज भी 12 ज्योतिर्लिंगों में पहले ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इसका निर्माण खुद चंद्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है।

सफेद रेगिस्तान (फाइल फोटो)

कच्छ जिले में स्थित सफेद रेगिस्तान सबसे बड़े नमक रेगिस्तानों में से एक माना जाता है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि यहां सिंधु घाटी सभ्यता के निशान की खोज की गई है। सर्दियों में हर साल रण उत्सव आयोजित किया जाता है।

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