हादसे में गंवाएं दोनों हाथ, फिर भी तैराकी में जीते 150 से ज्यादा पदक
पैरा स्विमर पिंटू गहलोत की जिसकी जिंदगी में एक के बाद एक कई हादसे हुए. इन हादसों में पिंटू ने ना सिर्फ अपने दोनों हाथ गंवा दिए बल्कि मरते-मरते भी बचे लेकिन उन्होंने हर बार खुद से यही कहा कि पिंटू फिर भी तैरेगा.
highlights
- एशियाई चैम्पियनशिप पर है पिंटू की निगाह
- राजस्थान पैरा स्वींमिंग टीम के कोच भी हैं पिंटू
नई दिल्ली:
'हौंसला होना चाहिए, जिंदगी तो कहीं भी शुरू हो सकती है' इस कहावत को हकीकत में बदलकर दिखाया है जोधपुर के पैरा स्विमर पिंटू गहलोत ने. पिंटू गहलोत की जिसकी जिंदगी में एक के बाद एक कई हादसे हुए. इन हादसों में पिंटू ने ना सिर्फ अपने दोनों हाथ गंवा दिए बल्कि मरते-मरते भी बचे लेकिन उन्होंने हर बार खुद से यही कहा कि पिंटू फिर भी तैरेगा. 36 वर्षीय पिंटू गहलोत ने हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा देने के बावजूद तैरना जारी रखा. और अपने हौंसले और जज्बे की दम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 150 से अधिक स्वर्ण पदक जीते हैं.
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बस दुर्घटना में गंवाया अपना दायां हाथ
राजस्थान में जोधपुर के चोखा गांव के निवासी पिंटू गहलोत 1998 में एक दुर्घटना के दौरान एक हाथ खो बैठा थे, जब वह कक्षा 7वीं के छात्र थे. उन्होंने एक बस दुर्घटना में अपना दायां हाथ गंवा दिया. हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने बाएं हाथ के साथ अपनी सफलता की कहानी लिखने की कोशिश की. दृढ़निश्चय के साथ उन्होंने स्विमिंग पूल में तैराकी का अभ्यास शुरू किया और अथक प्रयासों के बाद न केवल खुद को प्रशिक्षित किया, बल्कि खुद के लिए एक खास पहचान भी बनाई.
करंट लगने से बाएं हाथ को भी खोया
पिंटू के जीवन में एक और क्रूर घटना घटी, जब उसने 2019 में एक स्विमिंग पूल की सफाई के दौरान अपना दूसरा हाथ खो दिया. दरअसल, स्विमिंग पूल में एक लोहे का पाइप था, जहां पिंटू सफाई कर रहे थे. उस लोहे के पाइप में करंट था, जिसकी चपेट में पिंटू आ गए. इस दौरान पिंटू का हाथ इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और उसे काटना पड़ा. दोनों हाथ गंवाने वाले पिंटू को सभी दया की दृष्टि की देखने लगे. सभी को लगा कि अब पिंटू कभी पानी में नहीं उतर पाएगा. लेकिन पिंटू ने भगवान के इस फैसले के बाद भी हार नहीं मानी.
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बिना हाथों के जीत चुके हैं 150 पदक
पैरा स्विमर पिंटू ने राज्य पैरा चैम्पियनशिप जीती. 100 मीटर बैकस्ट्रोक में स्वर्ण पदक और 50 मीटर फ्रीस्टाइल टूर्नामेंट में रजत पदक जीता और इसके बाद से उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2016 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती. लॉकडाउन के बाद उन्होंने एक बार फिर 20-22 मार्च को बैंगलोर में आयोजित पैरा स्विमिंग की नेशनल चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपना सपना पूरा किया. अब उनकी नजर 2022 में हांग्जो में आयोजित होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप पर बनी हुई है.
राजस्थान पैरा स्वींमिंग टीम के कोच भी हैं पिंटू
इसीं मंशा के साथ पिछले कई सालों से गहलोत राजस्थान पैरा स्वींमिंग टीम के साथ कोच के रुप में जुड़े हुए है. उनके निर्देशन में इस दौरान खिलाड़ियों ने 150 से भी अधिक स्वर्ण पदकों पर कब्जा जमाया है . पिंटू गहलोत ने मीडिया को बताया कि हमारा जीवन अप्रत्याशित हैं. लेकिन उतार-चढ़ाव को प्रबंधित करना और आगे बढ़ाना भी आवश्यक है. यही कारण है कि मैंने खुद को प्रेरित करने और सभी को प्रेरित करने के लिए हर संभव कोशिश की. 2016 में 2 स्वर्ण और 1 रजत और 1 कांस्य पदक और 3 स्वर्ण, 2017 में पैरा स्पोर्ट्स तैराकी में 1 रजत जीता है.