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हिंदी नहीं आने पर Zomato ने ग्राहक को नहीं दिया रिफंड, मांगी माफी

चेन्नई के एक जोमैटो ग्राहक ने आरोप लगाया है कि कंपनी के एक कर्मचारी ने हिंदी भाषा को लेकर उससे बहस की. कस्टमर ने इस बहस की चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है. मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद जोमैटो ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी.

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Oct 2021, 06:39:25 PM (IST)

नई दिल्ली:

जोमैटो, एक बार फिर विवादों में छा गया है. इस बार जोमैटो के विवाद का कारण डिलीवरी या फूड सामग्री नहीं है, बल्कि हिंदी भाषा है. दरअसल, चेन्नई के एक जोमैटो ग्राहक ने आरोप लगाया है कि कंपनी के एक कर्मचारी ने हिंदी भाषा को लेकर उससे बहस की. कस्टमर ने इस बहस की चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है. मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद जोमैटो ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. इसके बाद जोमैटो ने संबंधित कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया, फिर बाद में उसे बहाल कर दिया. आखिर ऐसा क्या हुआ कि कंपनी ने उसे नौकरी से हटाने के बाद बहाल किया. आइये जानते हैं पूरा मामला.

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आपको बता दें कि विकास नाम के शख्स ने ट्वीटर पर जोमैटो (Zomato) के कर्मचारी के साथ अपनी बातचीत का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया. विकास को अपना ऑर्डर रिसीव करने में समस्या हो रही थी, जिसके लिए उसने कर्मचारी को रेस्तरां से संपर्क करने के लिए कहा. जिस पर जोमैटो के कर्मचारी ने विकास को बताया कि उन्होंने रेस्तरां को पांच बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन भाषा की वजह से उससे सही से बात नहीं हो सकी.

इसके बाद विकास ने कहा कि अगर जोमैटो Zomato तमिलनाडु में सेवाएं दे रहा है, तो उसे भाषा को समझने के लिए एक तमिल भाषी व्यक्ति को काम पर रखना चाहिए. उसने जोमैटो कर्मचारी से पैसे रेस्तरां से रिफ़ंड करवाने के लिए कहा. जवाब में कर्मचारी ने कहा कि आपकी जानकारी के लिए हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. इसलिए यह बहुत आम बात है कि हर किसी को थोड़ी-बहुत हिंदी आनी चाहिए.

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विकास ने अपने ट्वीट में लिखा- 'जोमैटो से खाना ऑर्डर किया, लेकिन उसमें एक सामान छूट गया. कस्टमर केयर से बात की तो उसका कहना है कि पैसे रिफ़ंड नहीं किये जा सकते, क्योंकि हिंदी नहीं आती. यह भी एक तरह का सबक है कि भारतीय होने के नाते मुझे हिंदी जाननी चाहिए. मुझे झूठा करार दिया गया. इसके बाद विकास ने कहा कि भाषा की समस्या उसकी समस्या नहीं है. कंपनी को पैसे लौटाने चाहिए. विकास द्वारा सोशल मीडिया पर ट्वीट पोस्ट किए जाने के बाद यह मामला वायरल हो गया.

Vanakkam Vikash, we apologise for our customer care agent's behaviour. Here's our official statement on this incident. We hope you give us a chance to serve you better next time.

Pls don't #Reject_Zomato ♥️ https://t.co/P350GN7zUl pic.twitter.com/4Pv3Uvv32u

— zomato (@zomato) October 19, 2021

मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जोमैटो ने खुद ट्वीट कर माफी मांगी है. जोमैटो ने अपने ट्वीट में कहा कि वनक्कम विकास, हम अपने कस्टमर केयर एजेंट के व्यवहार के लिए क्षमा चाहते हैं. इस घटना पर हमने आधिकारिक बयान दिया है. हमें उम्मीद है कि अगली बार आप हमें अपनी बेहतर सेवा करने का मौका देंगे.

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इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए जोमैटो ऐप के एक तमिल संस्करण पर भी काम चल रहा है. कंपनी इस मामले की जांच कर रही है. जोमैटो के फाउंडर दीपेन्द्र गोयल ने कहा कि फूड डिलीवरी कंपनी के सपोर्ट सेंटर में किसी की अनजाने में हुई गलती एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. हमारे देश में सहिष्णुता और ठंडक का स्तर आजकल की तुलना में कहीं अधिक ऊंचा होना चाहिए. यहां किसे दोष देना है? फिलहाल हम अपने कर्मचारी को बहाल कर रहे हैं. ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए उसे निकाल दिया जाना चाहिए था.

उन्होने आगे कहा कि याद रखें, हमारे कॉल सेंटर एजेंट युवा लोग हैं, जो अपने सीखने की अवस्था और करियर की शुरुआत में हैं. वे भाषाओं और क्षेत्रीय भावनाओं के विशेषज्ञ नहीं हैं और न ही मैं. 

An ignorant mistake by someone in a support centre of a food delivery company became a national issue. The level of tolerance and chill in our country needs to be way higher than it is nowadays. Who's to be blamed here?

— Deepinder Goyal (@deepigoyal) October 19, 2021

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ममला इतना बढ़ गया कि डीएमके सांसद ने किया ट्वीट वहीं इस मसले पर डीएमके सांसद सेंथिल कुमार ने विकास का ट्वीट शेयर कर जोमैटो से जवाबदेही तय करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हिंदी कब से राष्ट्रभाषा बन गई. तमिलनाडु में ग्राहक को हिंदी क्यों जाननी चाहिए और आपने अपने ग्राहक को किन आधारों पर सलाह दी कि उसे कम से कम हिंदी का ज्ञान होना चाहिए. कृपया अपने ग्राहक की समस्या का समाधान करें और क्षमा मांगें.