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TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन राज्यसभा से निलंबित, अशांत व्यवहार बना वजह

टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को सभापति ने राज्यसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया. आपको बता दें कि 21 दिसंबर मंगलवार को राज्यसभा की की कार्रवाई के दौरान ये कार्रवाई की गई.

News Nation Bureau
| Edited By :
21 Dec 2021, 09:51:20 PM (IST)

highlights

  • TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन राज्यसभा से निलंबित, अशांत व्यवाहर बना वजह 
  • 21 दिसंबर को चुनाव कानून संशोदन पर चर्चा के दौरान हुए निलंबित
  • सांसद ने नियम पुस्तिका को सभापति की ओर फेंक दिया था 

नई दिल्ली :

टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को सभापति ने राज्यसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया. आपको बता दें कि 21 दिसंबर मंगलवार को राज्यसभा की की कार्रवाई के दौरान ये कार्रवाई की गई. ब्रायन को उनके अशांत व्यवहार के चलते निलंबित किया है. जिस समय ब्रायन के खिलाफ कार्रवाई की गई. उस वक्त चुनाव कानून (संशोधन विधेयक) 2021 पर चर्चा चल रही थी. इसी बीच टीएमसी सांसद ब्रायन ने गुस्से में आकर राज्यसभा की नियम पुस्तिका सभापति की ओर फेंक दी. जिसके बाद सभापति ने तत्काल प्रभाव से एक्शन लेते हुए ब्रायन को राज्यसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया.

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दरअसल, बुधवार को राज्यसभा की कार्रवाई चल रही थी. इसी बीच टीएमसी सांसद ब्रायन को सभापति ने चुनाव संसोधन विधेयक पर अपना पक्ष रखने को कहा गया. विधेयक का विरोध करते हुए सांसद ब्रायन ने राज्यसभा की नियम पुस्तिका सभापति की ओर उछाल दी. इसी बीच राज्यसभा की कार्रवाई को तुरंत रोक दिया गया. साथ ही ब्रायन को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. आपको बता दें कि राज्यसभा में मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जोड़ने से संबंधित नर्विाचन विधि (संशोधन) विधयेक 2021 पारित कराने के दौरान कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने महासचिव की टेबल पर रुल बुक फेंक दी. सदन के बीच में हंगामे के दौरान ही मार्क्सवादी कम्युनस्टि पार्टी के जॉन ब्रिट्स ने विधेयक में दिये गये संशोधनों को लेकर मत विभाजन की मांग की तो उप सभापति हरिवंश ने कहा कि नियम के तहत सभी सदस्यों को अपने स्थानों पर लौट जाना चाहिए इसके बाद ही उनकी मांग पूरी हो सकती है.

ब्रिटस् ने कहा कि सदन में व्यवस्था बनाना सभापति की जिम्मेदारी है और उन्हें इस विधेयक पर मत विभाजन चाहिए. उनकी इस मांग का समर्थन विपक्ष में सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी किया और कहा कि सभापति को पहले मत विभाजन बोलना चाहिए. इसके बाद सभी सदस्य अपने स्थानों पर लौट जाएगें. हरिवंश ने कहा कि विपक्षी सदस्य मत विभाजन नहीं चाहते हैं और उन्होंने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा दी.