शाहीनबाग : मां के साथ प्रदर्शन में आने वाले 4 माह के बच्चे की ठंड से मौत
शाहीनबाग में पिछले 52 दिनों से चल रहे प्रदर्शन में एक महिला रोजाना अपने 4 माह के बच्चे मोहम्मद के साथ आती थी. रातभर प्रदर्शन में शामिल रहने के कारण ठंड से बच्चा बुरी तरह जकड़ गया और अंतत: उसकी मौत हो गई.
नई दिल्ली:
शाहीनबाग (Shaheen Bagh) में पिछले 52 दिनों से चल रहे प्रदर्शन में एक महिला रोजाना अपने 4 माह के बच्चे मोहम्मद के साथ आती थी. रातभर प्रदर्शन में शामिल रहने के कारण ठंड से बच्चा बुरी तरह जकड़ गया और अंतत: उसकी मौत हो गई. अब मोहम्मद कभी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शाहीनबाग नहीं आ पाएगा. उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले नाजिया और आरिफ बाटला हाउस इलाके में प्लास्टिक और पुराने कपड़े से बनी छोटी सी झुग्गी में रहते हैं. दंपत्ति मुश्किल से रोज़मर्रा का खर्च पूरा कर पाते हैं. आरिफ कढ़ाई का काम करते हैं. साथ ही ई- रिक्शा भी चलाते हैं. कढ़ाई के काम में पत्नी नाजिया उनकी मदद करती हैं.
यह भी पढ़ें : मोदी सरकार को 5 दिन में करनी होगी राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा, सुप्रीम कोर्ट की मियाद हो रही खत्म
बच्चे की मौत के बाद आरिफ बोले- 'मैं पिछले महीने पर्याप्त नहीं कमा सका. अब मेरे बच्चे का इंतकाल हो गया. हमने सब कुछ खो दिया.' वहीं नाज़िया ने कहा, उसके बच्चे की मौत 30 जनवरी की रात को प्रदर्शन से लौटने के बाद नींद में ही हो गई थी. नाजिया ने कहा, 'मैं देर रात 1 बजे शाहीन बाग से आई थी. बच्चों को सुलाने के बाद खुद भी सो गई थी. सुबह मोहम्मद कोई हरकत नहीं कर रहा था. उसे पास के अल शिफा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
18 दिसंबर से नाज़िया रोजाना शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जाती थी. बच्चे को सर्दी लग गई थी, जो जानलेवा बन गई और उसकी मौत हो गई. नाज़िया का मानना है कि CAA और NRC सभी समुदायों के खिलाफ है और वह फिर भी शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल होती रहेगी.
यह भी पढ़ें : सीलमपुर से शाहीन बाग तक : पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से तय हुआ भाजपा का एजेंडा
नाजिया का कहना है कि नागरिकता कानून मज़हब के आधार पर लोगों में भेदभाव करता है और इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. यह हमारे भविष्य के खिलाफ है और मैं इस पर सवाल करती रहूंगी. मेरे बच्चे की मौत का जिम्मेदार नागरिकता कानून है. अगर सरकार नागरिकता कानून और एनआरसी नहीं लाई होती तो प्रदर्शन नहीं होता और हम उसमें शामिल होने नहीं जाते और बच्चा भी जीवित रहता.