9 फरवरी को अयोध्या (Ayodhya) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आए तीन महीने होने जा रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार (Modi Sarkar) अभी तक राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) की घोषणा नहीं कर पाई है. अब राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा करने के लिए मोदी सरकार के पास केवल 5 दिन शेष हैं. उम्मीद है कि इस हफ्ते राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा की जा सकती है. सरकार द्वारा घोषित किया गया ट्रस्ट ही राम मंदिर के निर्माण की रूपरेखा तय करेगा.
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पिछले साल 9 नवंबर 2019 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को यह भी निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को दूसरी जगह मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ का प्लॉट दे.
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार को राम मंदिर ट्रस्ट का प्रस्ताव पहले कैबिनेट की बैठक में लाना पड़ेगा, जहां ट्रस्ट के संविधान का खाका और उसके सदस्यों की जानकारी जैसी अहम चीजें बतानी होंगी. ट्रस्ट में कौन-कौन से सदस्य होंगे, ट्रस्ट कैसे काम करेगा और राम मंदिर का निर्माण कैसे होगा, यह सारी बातें कैबिनेट में ही तय होंगी. सरकार जो ट्रस्ट बनाएगी, उसके पास वित्तीय शक्तियां भी होंगी. ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के खर्च की पूरी निगरानी करेगा. कहा तो यह भी जा रहा है कि ट्रस्ट के गठन के लिए मोदी सरकार संसद में विधेयक भी पेश कर सकती है.
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बताया जा रहा है कि राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा के साथ मस्जिद के लिए यूपी सरकार द्वारा चिन्हित तीन जमीनों के प्लॉट का भी प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जाएगा. इसके बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड तय करेगा कि तीनों जमीनों में से कहां उसे मस्जिद निर्माण करानी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की जिम्मेदारी है. गृह मंत्रालय पहले ही ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. कोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ट्रस्ट के गठन के लिए सरकार वीएचपी, राम जन्मभूमि न्यास समेत सारे पक्षकारों से बात कर चुकी है.
Source : News Nation Bureau