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जांच रिपोर्ट में खुलासा, नियमों की अनदेखी की वजह से रायबरेली के ऊंचाहार NTPC प्लांट में हुआ था हादसा

इस रिपोर्ट में हादसा होने की मुख्य वजह प्लांट में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होना और प्लांट में हड़बड़ी मचाना बताया गया है।

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Dec 2017, 09:13:07 PM (IST)

highlights

  • प्लांट में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होना ऊंचाहार हादसे की मुख्य वजह: रिपोर्ट
  • 1 नवंबर को हुए हादसे में 46 मजदूरों की हुई थी मौत

नई दिल्ली:

रायबरेली के ऊंचाहार में नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) प्लांट में हुए हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है।

इस रिपोर्ट में हादसा होने की मुख्य वजह प्लांट में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होना और प्लांट में हड़बड़ी मचाना बताया गया है।

दिल्ली सॉलिडेरिटी (सिविल सोसाइटी) ग्रुप में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादा लोगों की मौत की वजह प्रवासी मजदूरों के पास औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होना और सुरक्षा मानकों को महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में लागू नहीं करना है।

शुरुआती जांच रिपोर्ट में प्रवासी मजदूरों के मरने की संख्या का निश्चित आंकड़ा नहीं दिया गया क्योंकि अभी तक कई मृतकों की पहचान सुनिश्चित नहीं की जा सकी है।

इस बीच जांच रिपोर्ट पर एनटीपीसी को एक ई मेल कर  प्रश्नों का जवाब मांगा गया था लेकिन एनटीपीसी ने अभी उसका जवाब नहीं दिया है।

गौरतलब है कि 1 नवंबर को रायबरेली के फिरोज गांधी ऊंचाहार थर्मल पावर प्लांट के यूनिट नंबर 6 में बॉयलर फटने से 46 मजदूरों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

1550 मेगावाट के इस थर्मल पावर यूनिट में कोयले से बिजली बनाई जाती है। जिस यूनिट में यह हादसा हुआ था वो उस वक्त निर्माणाधीन था।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर मजदूर 50 से 70 फीसदी तक जल चुके थे। रिपोर्ट में डॉक्टरों के हवाले से कहा गया है कि अगर ये मजदूर बच भी जाते तो इनका ज्यादातर अंग काम करना बंद कर देता और तीन से चार महीने में मौत भी हो जाती।

इस शुरुआती रिपोर्ट में इस पूरे हादसे की न्यायिक जांच की भी सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना की पूरी जांच होनी चाहिए और जो भी इसमें दोषी हैं हादसे के उसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए।

रिपोर्ट में केंद्र सरकार से जिन मृतक मजदूरों की पहचान नहीं हो पायी है उसके लिए एक टास्क फोर्स बनाने और बिजली मंत्रालय को कोयला से चलने वाले सभी प्लांट में ऑटिड कराने की भी सिफारिश की गई है।

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