जम्मू एयरबेस पर ड्रोन आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ RDX
एनआईए (NIA) और एनएसजी की जांच में इस आशंका को बल मिल रहा है कि ड्रोन के जरिए आरडीएक्स (RDX) का इस्तेमाल कर विस्फोट किया गया.
highlights
- जम्मू एयरबेस पर हमले में आरडीएक्स का इस्तेमाल
- बीती रात 5 मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाके
- आतंकी हमले की जांच में हर एंगल पर तफ्तीश
श्रीनगर:
जम्मू हवाई अड्डा परिसर स्थित वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन से किए गए आतंकी हमलों (Terror Attack) ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं. एनआईए (NIA) और एनएसजी की जांच में इस आशंका को बल मिल रहा है कि ड्रोन के जरिए आरडीएक्स (RDX) का इस्तेमाल कर विस्फोट किया गया. फिलहाल टेस्ट के लिए सैंपल भेज दिए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि हर आईईडी में 1.5 किलो आरडीएक्स था. दूसरी ओर, केंद्र ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ उनका संघर्ष-विराम समझौता पहले की तरह ही जारी रहेगा. इस बीच वायुसेना स्टेशन पर धमाके के मामले में रविवार को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए संकेत दिया कि यह मामला आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए द्वारा अपने हाथों में लिए जाने की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि यूएपीए की धाराओं 13/16/18/23 (अवैध गतिविधि/ आतंकवादी हरकत/ साजिश/ दंड में वृद्धि) तथा आईपीसी की धारा 120 (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि विस्फोटक सामग्री कानून की धाराएं तीन और चार (जानमाल को खतरे में डालने की संभावना के साथ विस्फोट/ विस्फोट की कोशिश, या जानमाल को खतरे में डालने के इरादे से विस्फोटक बनाना या रखना) भी लगाई गई हैं.
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गौरतलब है कि जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डा परिसर स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार देर रात ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए दो बम गिराये गए. अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया है. अधिकारियों ने बताया कि पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ, जबकि दूसरा उसके छह मिनट बाद हुआ. उन्होंने बताया कि इस बम विस्फोट में दो वायुसेना कर्मी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ.