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मॉब लिंचिंग पर BJP मंत्री आमने-सामने, राजस्थान के गृहमंत्री ने जसवंत यादव से कहा- खुद को दें जवाब

राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद्र कटारिया घटना स्थल पर पहुंचे जहां गो-तस्करी के शक में अकबर को पीट-पीटकर मार डाला गया था। वहां पर उन्होंने पूरे घटना स्थल की समीक्षा की।

News Nation Bureau
| Edited By :
24 Jul 2018, 06:13:24 PM (IST)

नई दिल्ली:

राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद्र कटारिया आज अलवर में उस जगह पहुंचे जहां गो-तस्करी के शक में अकबर नाम के मुस्लिम शख्स को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। घटना स्थल पर ही उन्होंने पूरे मामले में अब तक की जांच की समीक्षा की।

इसके बाद मीडिया से बातचीत में जीसी कटारिया ने अपने ही मंत्री जसवंत यादव को नसीहत भी दे डाली।

राजस्थान के मंत्री जसवंत यादव के गो-तस्करी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जीसी कटारिया ने कहा, ' जसवंत यादव को खुद को जवाब देना चाहिए। कानून किसी को मारने का अधिकार नहीं देता है। जो भी कानून तोड़ेगा उसे सज़ा मिलेगी।

Jaswant Yadav should answer for himself.The law does not give anyone the right to kill. Whosoever is responsible will be punished:Rajasthan Home Min GC Kataria on state Min Jaswant Yadav's statement 'Appeal to Muslims to understand the sentiments of Hindus & stop smuggling cows.' pic.twitter.com/1mnr7RBFRR

— ANI (@ANI) July 24, 2018

बता दें कि जसंवत यादव ने मुस्लिमों को नसीहत देते हुए कहा था, 'मैं मुस्लिमों से अपील करता हूं कि वे हिंदुओं की भावनाओं को समझे और गो तस्करी को रोकें। उन्हें अवश्य इस व्यवसाय को खत्म करना चाहिए।'

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इससे पहले राजस्थान के गृह मंत्री ने मॉब लिंचिंग का शिकार बने मुस्लिम युवक अकबर की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस की देरी और समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलने की वजह से अकबर की मौत हुई। ये कहना है जेसी कटारिया का।

कटारिया ने कहा, ' पुलिस ने जख्मी शख्स से पहले गाय की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। ये पुलिस का कर्तव्य नहीं था। पहले जख्मी को हॉस्पिटल पहुंचाना चाहिए था। उन्होंने गाय को शेड हाउस में भेजने में समय बर्बाद किया। अकबर को बचाया जा सकता था अगर कोशिश की जाती तो।'

बता दें कि 28 साल के अकबर को गो-तस्करी में 21 जुलाई की रात में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अलवर पुलिस ने जख्मी अकबर को हॉस्पिटल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी की, जबकि अस्पताल छह किलोमीटर दूर स्थित था।

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