प्रधानमंत्री मोदी के 'परजीवी' वाले बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, बोले- 'क्रोनी'जीवी देश बेच रहा
किसानों के मसले पर देश में जमकर सियासत हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार किया है. नरेंद्र मोदी के परजीवी वाले बयान पर राहुल गांधी ने अपनी भाषा में जवाब दिया है.
नई दिल्ली:
किसानों के मसले पर देश में जमकर सियासत हो रही है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो नए शब्दों के जरिए आंदोलनों को हवा देने वाले नेताओं और एक्टिविस्ट पर निशाना साधा था. प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवियों से देश को सावधान रहने की जरूरत बताई थी. उन्होंने कहा था कि देश आंदोलनजीवी लोगों से बचे, ऐसे लोगों को पहचानने की बहुत आवश्यकता है. आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं. अब प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार किया है. नरेंद्र मोदी के परजीवी वाले बयान पर राहुल गांधी ने अपनी भाषा में जवाब दिया है.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'क्रॉनी (Crony) जीवी है, जो देश बेच रहा है वो.' बता दें कि सोमवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में दो नए शब्दों के जरिए आंदोलनों को हवा देने वाले नेताओं और एक्टिविस्ट पर निशाना साधा था. उन्होंने आंदोलनजीवियों से देश को सावधान रहने की जरूरत बताई. वहीं एफडीआई का नया अर्थ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी नामक नए एफडीआई से सावधान रहना होगा.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम कुछ शब्दों से बहुत परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी और बुद्धिजीवी. पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है, नई बिरादरी सामने आई है. यह जमात है आंदोलनजीवी. वकीलों का आंदोलन हो, मजदूरों का आंदोलन हो, छात्रों या कोई भी आंदोलन हो, ये पूरी टोली वहां नजर आती है. आंदोलन के बगैर जी नहीं सकते. हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा. ये बहुत आइडियोलॉजिकल स्टैंड दे देते हैं. देश आंदोलनजीवी लोगों से बचे, ऐसे लोगों को पहचानने की बहुत आवश्यकता है. आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं.'
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'देश प्रगति कर रहा है. हम एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की बात कर रहे हैं. लेकिन, नए एफडीआई से हमें देश को बचाना है. यह नई एफडीआई है- फारेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी. इस एफडीआई से देश को बचाने के लिए और जागरूक रहने की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'कुछ लोग भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. जब 84 के दंगे हुए, सबसे ज्यादा आंसू बहे पंजाब में. जो जम्मू-कश्मीर में हुआ, नार्थ ईस्ट में होता रहा. बम-बंदूक और गोलियों का कारोबार होता रहा. इसके पीछे कौन ताकते हैं, हर सरकारों ने जांचा-परखा है. हम यह न भूलें कि कुछ लोग हमारे पंजाब के सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं. यह देश हर सिख के लिए गर्व करता है. देश के लिए क्या कुछ नहीं किया इन्होंने. जितना आदर करें, वह कम है.'