अमित शाह ने राहुल गांधी से तीन पीढ़ियों के कामकाज का मांगा हिसाब
बीजेपी अपने 3 साल के कामकाज का जवाब देने को तैयार हैं, राहुल गांधी अपनी 3 पीढ़ियों के काम-काज का जवाब दें।
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण की राजनीति छोड़कर एक नए प्रकार की 'काम करने की राजनीति' प्रारंभ की है।
उन्होंने कहा, 'इस वर्ष मई में हमारी सरकार ने मोदीजी के नेतृत्व में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा किया और इन तीनों वर्षो के दौरान देश में कई परिवर्तन देखने को मिले।'
राहुल गांधी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए अमित शाह ने कहा, 'हम अपने 3 साल के कामकाज का जवाब देने को तैयार हैं, राहुल गांधी अपनी 3 पीढ़ियों के काम-काज का जवाब दें।'
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, 'कांग्रेस के 10 वर्षो के भ्रष्टाचार और नीतिगत अक्षमता की तुलना में इन तीन वर्षो में हमने पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और निर्णय लेने वाली सरकार दी है।'
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दो दिवसीय उत्त्तराखंड दौरे के अंतिम दिन शाह ने कहा, 'वर्ष 2014 में हमारे सत्त्ता संभालते समय और वर्तमान में हो रही चीजों की अगर आप तुलना करें, तो आपको एक बड़ा परिवर्तन दिखाई देगा। हमने देश में पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस के नए युग की शुरुआत की है।'
शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की छवि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश के रूप में हो रही है।
जम्मू एवं कश्मीर में गत वर्ष नियंत्रण रेखा के पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे दुनिया में भारत की छवि बदली है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव की वजह से हम दुश्मनों को माकूल जवाब नहीं दे पाते थे और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत अमेरिका के बाद ऐसा दूसरा देश बन गया है, जिसने सीमा पार जाकर दुश्मनों का सफाया किया।
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नोटबंदी को काला धन समाप्त करने की एक बड़ी कामयाबी बताते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद हमारी सरकार अर्थव्यवस्था से काला धन हटाने में सफल हुई।
ज़ाहिर है कि इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित करते हुए मोदी सरकार को रोजगार के मामले में विफल करार दिया था।
राहुल ने कहा कि भारत में रोजगार मुख्य चुनौती है और प्रति दिन 30,000 युवा रोजगार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन मात्र 450 रोजगार पैदा हो रहे हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि पूर्व की संप्रग सरकार पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पाई थी, और यही एक प्रमुख कारण था कि 2014 के आम चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत हुई थी।
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राहुल ने कहा, 'इसलिए जो लोग हमसे नाराज थे, क्योंकि हम 30,000 रोजगार पैदा नहीं कर सके, वही आज मोदी से नाराज हैं। केंद्रीय मुद्दा इस समस्या को सुलझाने का है।'
उन्होंने प्रधानमंत्री पर रोजगार सृजन के मुद्दे से ध्यान हटाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, 'भारत में इस समय लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। हम इसे महसूस कर सकते हैं। ऐसे में मेरे लिए चुनौती यह है कि इस समस्या का एक लोकतांत्रिक तरीके से समाधान कैसे निकाला जाए।'
गांधी ने कहा, 'स्पष्ट कहूं तो कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं कर पाई। लेकिन मोदी भी इसमें असफल हैं। यह एक गंभीर समस्या है, इसलिए हमें पहले इसे समस्या के रूप में स्वीकार करना होगा और उसके बाद हमें इसे मिलकर सुलझाना होगा। लेकिन फिलहाल इसे कोई स्वीकारने को तैयार नहीं है।'
राहुल ने कहा, 'दूसरी चुनौती शहरों के लिए भारी पलायन है और इन शहरों पर जितना दबाव है, उसे बर्दाश्त करने की स्थिति में वे नहीं हैं।'