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राहुल गांधी ने स्वीकार किया राज्यपाल का जम्मू कश्मीर आने का न्यौता, कही ये बड़ी बात

राहुल गांधी ने राज्यपाल के जम्मू कश्मीर आने के न्यौते को कुबूला, कही ये बड़ी बात

News Nation Bureau
| Edited By :
13 Aug 2019, 01:55:30 PM (IST)

highlights

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पर राहुल गांधी ने ले चुटकी. 

हवाई जहाज भेजने वाली बात पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक को कही ये बात. 

राहुल ने कहा कि केवल उन्हें लोगों से मिलने की इजाजत दी जाए.

नई दिल्ली:

कांग्रेस लीडर राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Saty apal Malik) के राज्य में आकर हालात देखने के न्यौते को कुबूल कर लिया है. उनका कहना है कि वो (राहुल गांधी) और उनका एक प्रतिनिधी मंडल (a delegation of opposition leaders) जम्मू कश्मीर और लद्दाख (Jammu Kashmir and Ladakh) की यात्रा करने के लिए तैयार हैं और उन्हें राज्यपाल के द्वारा भेजे गए प्लेन की आवश्यकता नहीं है. बस वो हमारे लिए इतना करें कि राज्य में हमें मुख्यधारा में शामिल नेताओं, राज्य के लोकल लोगों और तैनात सुरक्षाकर्मियों से स्वतंत्र रुप से मिलने की इजाजत दें. 

इसके पहले जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर के हालात वहां आकर देखने की बात कही थी. कांग्रेस लीडर पर चुटकी लेते हुए राज्यपाल ने कहा था कि वो चाहें तो राहुल गांधी को लाने के लिए वो हवाइ जहाज भी भेज देंगे. 

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राज्यपाल के इसी बयान पर राहुल गांधी ने आज जवाब दिया और कहा कि उन्हें किसी के प्लेन भेजने की जरूरत नहीं है. वो वहां तक जाने में खुद ही समर्थ हैं. बस उनके वहां पर लोगों से मिलने की व्यवस्था कर दी जाए. 

कांग्रेस पार्टी और उनके साथ इस फैसले के कई विरोधी जम्मू कश्मीर के हालात पर मोदी सरकार और राज्य के गवर्नर को निशाने पर लेते रहते थे. जिससे खफा होकर राज्यपाल मलिक ने कहा था कि राहुल गांधी खुद ही आकर देख लें कि राज्य के हालात कैसे हैं.

इसके पहले राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर से Article 370 और 35-A को हटाने के मोदी सरकार के फैसले (जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल) पर राज्यसभा में बोलते हुए विधेयक के संविधान की अवहेलना करार देते हुए सरकार की काम करने की शैली को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा तक करार दे डाला था.

National integration isn’t furthered by unilaterally tearing apart J&K, imprisoning elected representatives and violating our Constitution. This nation is made by its people, not plots of land.

This abuse of executive power has grave implications for our national security.

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 6, 2019

जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बिल को पास होने को एक ऐतिहासिक दिन बताया था और कहा था कि हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए यह एक गौरव का क्षण है, जहां जम्मू-कश्मीर से जुड़े ऐतिहासिक बिल भारी समर्थन से पारित किए गए हैं.

ऐतिहासिक क्षण। एकता और अखंडता के लिए सारा देश एकजुट। जय हिंद!

हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए यह एक गौरव का क्षण है, जहां जम्मू-कश्मीर से जुड़े ऐतिहासिक बिल भारी समर्थन से पारित किए गए हैं।

— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019

बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से पुनर्गठन विधेयक के जरिए राज्य से आर्टिकल 370 और 35-ए को खत्म किया था. इसी के साथ जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया था. मोदी सरकार के इस बिल को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया था. आर्टिकल 370 और 35-ए के हटते ही राज्य में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया था और धारा 144 लागू कर दी गई थी. इसके पहले एहतियातन मुख्य धारा के कई बड़े नेताओं को नजरबंद भी किया गया था.

इसी के बाद से कांग्रेस पार्टी और विपज्ञ के कई नेता सरकार और गवर्नर पर आरोप लगाते आए थे क्योंकि वहां की सूचना पाने का कोई रास्ता नहीं हैं. राज्य में इंटरनेट और अन्य सेवाएं बंद कर दी गई थीं.