त्रिपुरा हिंसा पर थम नहीं रही सियासत, आज दिल्ली में धरना देंगे टीएमसी सांसद
सयानी घोष को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से पहले गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्का-मुक्की की.
नई दिल्ली:
त्रिपुरा में हुई हिंसा के बाद सियासत कम होने का नाम नहीं ले रही है. पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्य सचिव सयानी घोष को शनिवार रात यहां हुई एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को धमकी देने के आरोप में हत्या के प्रयास की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया. दूसरी तरफ टीएमसी के सांसद आज इस मामले को लेकर दिल्ली में धरना देंगे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घोष सीएम की सभास्थल पर पहुंचीं और ‘खेला होबे’ नारे लगाए. पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल के दौरान हुए चुनावों के दौरान टीएमसी ने ‘खेला होबे’ के नारे का इस्तेमाल किया था. टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि ईस्ट अगरतला महिला थाने के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थकों से बदसलूकी की.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में पुलिस की कथित बर्बरता के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचा है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में 10-12 सदस्य शामिल हैं. टीएमसी ने शाह से मुलाकात का समय मांगा है और पार्टी के नेता सोमवार सुबह से धरना पर बैठने वाले हैं. तृणमूल कांग्रेस के करीब 10-12 सांसद धरना देने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि 'हम पार्टी कार्यालय में मिलेंगे और त्रिपुरा पुलिस द्वारा टीएमसी युवा कांग्रेस प्रमुख सयानी घोष की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन करेंगे.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते 15 अक्टूबर को बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिरों में तोड़फोड़ की थी. इसके बाद से बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों पर हिंदुओं पर हमले की खबरें सामने आईं. इसके विरोध में त्रिपुरा में धार्मिक संगठनों ने रैलियां निकालीं. इस दौरान कुछ जगहों पर भीड़ हिंसक हो गई और दुकानों, घरों आदि में तोड़फोड़ की.
त्रिपुरा में अलग-अलग जगह हुआ संघर्ष
बताया जाता है कि इसके बाद 21 अक्टूबर को गोमती जिले में रैली निकाली गई, जिसमें भीड़ का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया. उधर, अगरतला और धर्मनगर में भी बड़ी रैलियां निकाली गईं. इसके बाद 26 अक्टूबर को पानीसागर में अलग-अलग जगह रैली निकाली गई. खबरों के मुताबिक, रोवा बाजार में प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और घरों पर हमला किया. धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की खबरें भी सामने आईं.